पाकिस्तान दौरे पर पहला वनडे खेलने के बाद श्रीलंका क्रिकेट टीम ने दूसरा मैच खेलने से मना कर दिया था. दरअसल इस्लामाबाद में हुए बम ब्लास्ट के बाद खिलाड़ी डरे हुए थे, वह घर लौटना चाहते थे. लेकिन अब दूसरा वनडे खेला जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया.
पाकिस्तान बनाम श्रीलंका दूसरा वनडे 13 नवंबर को खेला जाना था, लेकिन इसे रीशेड्यूल करना पड़ा. इससे पहले खबर आई थी कि इस्लामाबाद में हुए बम ब्लास्ट के बाद श्रीलंका के प्लेयर्स डरे हुए हैं, वह अब पाकिस्तान में खेलना नहीं चाहते. पहले वनडे में भी सभी खिलाड़ियों को कड़ी सुरक्षा के बीच स्टेडियम लाया गया था.
क्यों खेलने को तैयार हुई श्रीलंका टीम
अगर श्रीलंका टीम पाकिस्तान का दौरा बीच में छोड़कर लौट जाती तो पाकिस्तान की किरकिरी हो जाती. बता दें कि कुछ साल पहले न्यूजीलैंड टीम भी पाकिस्तान में आतंकी धमकी के बाद सीरीज बीच में छोड़कर चली गई थी. श्रीलंका क्रिकेट और पीसीबी के बीच बातचीत चल रही थी, पीसीबी उन्हें आश्वस्त करने में लगा था कि टीम को पूरी सुरक्षा में रखा जाएगा.
इस्लामाबाद बम विस्फोट के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने एलान किया कि श्रीलंका टीम को राज्य स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया था कि पुलिस के साथ अब सेना और रेंजर्स भी मेहमान टीम की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे.
नकवी ने पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाड़ियों से मुलाकात की, जिसके बाद मीडिया से बात करते हुए बताया कि श्रीलंका की सरकार और बोर्ड ने सीरीज जारी रखने का फैसला किया है. उन्होंने इसकी पुष्टि की थी कि इस्लामाबाद में हुए ब्लास्ट के बाद श्रीलंका के कुछ खिलाड़ी स्वदेश लौटना चाहते थे.
Sri Lankan cricketers getting the full VVIP protocol in Pakistan 🙏🥰
From the stadium to the hotel — next level hospitality! 🇵🇰🇱🇰🔥 pic.twitter.com/QJCe2ACXqT
— Senu_Kavi (@KaviSenu) November 13, 2025
फील्ड मार्शल ने की श्रीलंका के रक्षा मंत्री से बात
मोहसिन नकवी ने कहा था, “पाकिस्तान और श्रीलंका के अधिकारियों के बीच निरंतर बातचीत से सकारात्मक नतीजा निकला है. फील्ड मार्शल ने खुद श्रीलंका के रक्षा मंत्री और सचिव से बात की है. मैं खिलाड़ियों का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने पाकिस्तान में ही रहने का फैसला करके बहुत बहादुरी दिखाई. मैंने खुद श्रीलंका के प्लेयर्स के साथ लंबी बातचीत की है, ताकि उन्हें आश्वस्त किया जा सके कि उनकी सुरक्षा पाकिस्तान सरकार की जिम्मेदारी है.”