Anil Ambani FEMA Case: देश के जाने-माने बिजनेसमैन अनिल अंबानी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से वर्चुअल हाजिर होने की अनुमति मांगी है. ईडी की ओर से अनिल अंबानी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत शुक्रवार को व्यक्तिगत रुप से हाजिर होने की बात कही थी.
ईडी की ओर से आज यानि, 14 नवंबर को अनिल अंबानी को दिल्ली स्थित हेड क्वार्टर में आने के लिए समन किया था. इस पर अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने एक बयान जारी किया है और बताया है कि, अनिल अंबानी एजेंसी को पूरी तरह से सहयोग देने को तैयार हैं.
क्या है मामला?
पीटीआई के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरी जांच जयपुर रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई है. एजेंसी को शक है कि, इस प्रोजेक्ट की आड़ में लगभग 100 करोड़ रुपए हवाला के जरिए विदेश भेजे गए थे. एजेंसी की ओर से कथित हवाला डीलरों और अन्य दूसरे लोगों का बयान लेने के बाद इस संबंध में अनिल अंबानी को तलब किया गया है.
अनिल अंबानी का पक्ष
कंपनी की ओर से इसपर कहा गया है कि, ईडी का समन उन्हें FEMA यानी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम से जुड़े एक मामले में भेजा गया है, ना कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में. कंपनी ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि, ईडी की 3 नवंबर 2025 की प्रेस विज्ञप्ति से इस बात का पता चलता है कि, मामला जयपुर–रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से संबंधित है.
कंपनी ने साफ किया है कि, अनिल अंबानी अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक लगभग 15 साल तक रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में सिर्फ गैर कार्यकारी निदेशक रहे और कंपनी के रोजमर्रा के कामों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. फिलहाल वो कंपनी के बोर्ड में भी शामिल नहीं हैं. कंपनी ने आगे बताया कि, जयपुर रींगस हाईवे का ठेका दिया गया था और इसमें किसी भी तरह का विदेशी मुद्रा लेन-देन शामिल नहीं था.
अनिल अंबानी और ईडी
पिछले कुछ दिनों से ईडी अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों पर कार्रवाई कर रही है. पिछले ही दिनों अनिल अंबानी के रिलायंस पावर पर कथित तौर पर 68 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी का मामला दर्ज किया गया है. इस संबंध में अब तक 3 लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी है.
यह भी पढ़ें: बिहार चुनाव नतीजों ने बढ़ाई बाजार की बेचैनी, सेंसेक्स 400 अंक लुढ़का, निफ्टी 25,785 के नीचे, जानें गिरावट की वजह