Indian Economy: भारत की इकोनॉमी का उत्थान पिछले कुछ समय में पूरी दुनिया ने देखा है. इसके साथ-साथ देश का फाइनेंशियल इकोसिस्टम भी मजबूत हुआ है. हमने न सिर्फ यूपीआई (UPI) जैसा डिजिटल पेमेंट सिस्टम लॉन्च किया बल्कि इसे सफल बनाकर भी दिखाया. आलम यह है कि हमारे पड़ोसी देशों में इसे स्वीकारने की होड़ लगी हुई है. साथ ही साउथ अमेरिका और अफ्रीका के देशों में भी यूपीआई जैसे सिस्टम भारत की मदद से विकसित किए जा रहे हैं. देश में सस्ते इंटरनेट ने भी डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ाने का काम आसान कर दिया है. अब भारत की इकोनॉमी (Indian Economy) जहां 5 ट्रिलियन डॉलर का सपना देख रही है वहीं, डिजिटल इकोनॉमी (Digital Economy) भी 2028 तक 1 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा छूने का ताना-बाना बुन रही है. 

यूपीआई ने बदल दिया लोगों का लेनदेन का तरीका

भारत सरकार भी देश में डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठाती रहती है. यूपीआई देश में गेमचेंजर साबित हुआ है. इसकी मदद से लेनदेन का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. इससे देश में कैशलेस ट्रांजेक्शन और ऑनलाइन बिजनेस भी बढ़े हैं. इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की डिजिटल इकोनॉमी ने जापान, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया है. प्रधानमंत्री जनधन योजना (Jan Dhan Yojana) और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer) स्कीम भी इसी वजह से सफल साबित हुई हैं. देशभर में फैल चुके स्मार्टफोन और इंटरनेट ने भी डिजिटल इकोनॉमी की पहुंच घर-घर में कर दी है. 

जीडीपी का 20 फीसदी पहुंच सकती है डिजिटल इकोनॉमी

देश में डिजिटल एंटरटेनमेंट, डिजिटल लाइफस्टाइल, ऑनलाइन एजुकेशन, टेली मेडिसिन, डिजिटल हेल्थ और डिजास्टर मैनेजमेंट भी इसी वजह से बेहतर हो चुका है. ईकॉमर्स में भी उछाल आया है. ट्राई (TRAI) के आंकड़ों के अनुसार, देश में करीब 120 करोड़ टेलीकॉम कस्टमर हो चुके हैं. साथ ही इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी करीब 95 करोड़ है. यह आंकड़ा हर साल बढ़ा है. देश में 4G और 5G टेक्नोलॉजी ने भी मजबूत पकड़ बना ली है. साल 2014 तक देश की डिजिटल इकोनॉमी कुल जीडीपी का 4.5 फीसदी थी, जो कि 2026 तक 20 फीसदी पहुंच सकती है.

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