इस पॉलिसी के तहत सरकार दवाइयां, मेडिकल उपकरण और जांच कम कीमत पर खरीदेगी. इससे बजट का सही इस्तेमाल होगा और ज्यादा मरीजों को इलाज मिलेगा.

स्वास्थ्य मंत्री विशालजित राणे ने कहा कि गोवा देश का पहला राज्य है जिसने यह नीति अपनाई है. इसके जरिए सरकार और दवा कंपनियों के बीच गोपनीय कीमत समझौते संभव होंगे.

इस पहल की शुरुआत लंग कैंसर के इलाज से होने वाली है. बाद में इसे अन्य कैंसर और गंभीर बीमारियों के लिए भी लागू किया जाएगा.

कैंसर, जेनेटिक रोग और ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज सालाना 50 लाख रुपये तक खर्चीले हो सकते हैं. इस पॉलिसी से आम मरीजों के लिए यह आसान होगा.

गोवा में हर साल लगभग 1,500 नए कैंसर मरीज सामने आते हैं. इसमें सबसे ज्यादा ब्रैस्ट कैंसर और उसके बाद ओरल कैंसर शामिल हैं.

सरकार का कहना है कि हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत बनाना जरूरी है ताकि बढ़ते कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के मरीजों का सही इलाज हो सके.

एक कमेटी बनाई गई है जो दवाइयों और उपकरणों की सही कीमत तय करेगी. यह कंपनियों से सबसे अच्छी कीमत पर समझौते करेगी ताकि मरीजों को फायदा हो.
Published at : 15 Aug 2025 10:15 AM (IST)