ज्यादा चढ़ गई है भांग तो हैंगओवर उतारने में काम आएंगे यह देसी नुस्खे

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<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>Holi 2023:&nbsp;</strong>होली रंगों का त्योहार है और भांग और दूसरी चीजों का नशा करके लोग कई बार इस रंग के त्योहार में भंग डाल देते हैं. होली पर कई लोग भांग और दूसरे नशे कर लेते हैं और फिर इनका उतरना एक टास्क सा बन जाता है और होली का मजा खराब हो जाता है.&nbsp; ऐसे में हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं कुछ ऐसे शानदार टिप्स जिनकी मदद से आप भांग का नशा आसानी से उतार सकते हैं और अपने त्यौहार का मजा बरकरार रख सकते हैं. चलिए जानते हैं कि अगर कोई भांग पी ले तो उसका हैंगओवर कैसे उतारा जाए.</div>
<h3 dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>होली पर ऐसे उतारे भांग का नशा&nbsp;</strong></h3>
<ul style="text-align: justify;">
<li dir="auto" style="text-align: justify;">-नींबू में नमक मिलाकर चटाने&nbsp; से भांग का नशा जल्द उतर जाता है. इसके अलावा अगर आप व्यक्ति को नींबू पानी पिला सकें तो बेहतर होगा. इससे जल्द नशा उतरता है.&nbsp;</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">-भांग के नशे में चूर व्यक्ति को दही खिलाना चाहिए, इसमें काफी खटास होती है और इससे जल्द से जल्द नशा छूमंतर हो जाता है.</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">-अरहर की कच्ची दाल को पीसकर पेस्ट बना लीजिए औऱ इसे भांग के नशे में चूर व्यक्ति को खिलाने से भी भांग का नशा उतर जाता है.</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">-संतरा खट्टा फल है, इसलिए अगर आप संतरा व्यक्ति को खिला सकें तो बेहतर होगा. अगर व्यक्ति खाने की स्थिति में नहीं है तो उसे संतरे का जूस बनाकर पिला सकते हैं, इससे जल्द नशा उतर जाएगा.&nbsp;</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">-नारियल पानी पिलाने से भी भांग का नशा जल्द उतर जाता है.&nbsp;</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">-भांग का नशा कम करने के लिए&nbsp; उस व्यक्ति के दोनों कानों में जरा सा गुनगुना सरसों के तेल की कुछ बूंदें टपका दीजिए. इससे उसका नशा रफूचक्कर हो जाएगा.&nbsp;</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">-देसी घी खिलाने से भी भांग का नशा जल्दी उतरता है. इसके बाद उल्टी हो सकती है जिससे भांग मुंह के जरिए जल्दी बाहर निकल जाएगा और व्यक्ति को जल्दी होश आ जाएगा.&nbsp;</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">खट्टी इमली को पानी में रखने के बाद मल लीजिए. इसका पानी पिलाने से भी भांग का नशा जल्दी उतरता है.&nbsp;</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">अदरक को कूट कर इसमें नींबू का रस मिलाकर व्यक्ति को पिलाने से भी जल्द भांग का नशा उतरता है.</li>
</ul>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>&nbsp;यह भी पढ़ें</strong></div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong><a title="Holi 2023 Bhang Recipe: होली का मजा दोगुना कर देगी भांग की ये स्पेशल ठंडाई, पीते ही झूम उठेंगे सब, नोट करें इसकी रेसिपी" href="https://www.abplive.com/lifestyle/food/holi-2023-bhang-recipe-holi-bhaang-thandai-easy-recipe-in-try-at-home-2351660" target="_self">Holi 2023 Bhang Recipe: होली का मजा दोगुना कर देगी भांग की ये स्पेशल ठंडाई, पीते ही झूम उठेंगे सब, नोट करें इसकी रेसिपी</a></strong></div>
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साइलेंट डॉक्टर है केले का फूल…हार्ट हेल्थ से लेकर डायबिटीज कंट्रोल करने तक में है मददगार

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Banana Blossom Benefits: केले के फायदे जानकर आप ने इसका खूब सेवन किया होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि केले के फूल से भी आपको कई लाभ मिल सकते हैं. जी हां इसके सेवन से आप कई तरह की शारीरिक समस्याओं में राहत पा सकते हैं.केले के फूल में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी, ई, फॉस्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं यही वजह है कि यह बहुत सारी बीमारियों के इलाज में फायदेमंद माना जाता है.जानते हैं किस- किस समस्याओं में इससे आऱाम मिल सकता है

किडनी को रखे स्वस्थ-किडनी को स्वस्थ रखने के लिए भी आप केले के फूल का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसमें नेफ्रो प्रोटेक्टिव एक्टिविटी होती है जो किडनी को किसी भी तरह की हानि से बचाने में मदद करता है. इसके अलावा केले के फूल में मौजूद फाइबर किडनी स्टोन से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं.

प्रोस्टेट ग्लैंड- अक्सर 50 साल से अधिक आयु के पुरुषों में प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ने की समस्याएं हो जाती है जिससे बहुत सारे यूरिनरी प्रॉब्लम होने लगते हैं. एक जानवर पर हुए स्टडी के मुताबिक  केले के फूल में anti-inflammatory प्रॉपर्टीज पाई जाती है प्रॉस्टेट ग्लैंड के आकार को कम करने में मदद कर सकता है. फूल में मौजूद सिट्रिक एसिड और अमीनो एसिड प्रोस्टेट ग्लैंड को सामान्य आकार में लाने के लिए जिम्मेदार होते हैं.

डायबिटीज-केले के फूल से डायबिटीज को नियंत्रण में लाया जा सकता है. केले के फूल में ब्लड ग्लूकोस लेवल को कम करने का गुण होता है. एनसीबीआई के एक रिपोर्ट के मुताबिक ये लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थ है जो ग्लूकोज को शरीर में धीरे-धीरे रिलीज करता है. इसके अलावा केले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भी डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं.

हाई ब्लड प्रेशर-हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में भी केले के फूल से राहत मिल सकती है. केले का फूल एंटी हाइपरटेंसिव एजेंट की तरह काम करता है, जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है. इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर एंटीऑक्सीडेंट और कई पोषक तत्व हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं.

हड्डियों को दे मजबूती-केले के फूल  हड्डियों को मजबूती दे सकता है दरअसल केले के फूल में जिंक की मात्रा होती है जो बोन लॉस से बचाता है,एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन के अनुसार, एंटीऑक्सिडेंट क्वेरसेटिन और कैटेचिन – जो केले के फूल में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं,हड्डियों के नुकसान को रोकने में मदद कर सकते हैं.

एनीमिया- केले के फूल में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में खून की कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं. एनीमिया की समस्या से ग्रस्त लोगों को नियमित केले के फूल का सेवन करना चाहिए, इससे यह समस्या दूर हो सकती है.

हार्ट की समस्या में फायदेमंद-केले के फूल में मौजूद टैनिन, फ्लेवोनॉयड और अन्य एंटीऑक्सीडेंट के उच्च स्रोत पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं और ऑक्सीडेटिव क्षति को खत्म करते हैं जिससे हृदय रोगी की समस्या दूर हो सकती है

कैसे करें केले के फूलों का सेवन

केले के फूलों के सेवन के लिए इसका काढ़ा बना लें. काढ़ा  बनाने के लिए केले के फूलों को एक गिलास पानी में उबाल लें, फिर इसमें एक चुटकी नमक डालें. जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान कर ठंडा कर लें और इसका सेवन करें.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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Diet Plan: खानपान की ये आदतें बदलते ही आप बन सकते हैं मां-बाप

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हम क्या खाते पीते हैं और कब खाते पीते हैं इसका असर सिर्फ हमारी सेहत पर ही नहीं पड़ता, बल्कि इससे कई और चीजें भी प्रभावित होती हैं. इन्हीं में से एक है आपकी फर्टिलिटी कंडीशन. अगर आप मां-बाप बनना चाहते हैं तो आपकी फर्टिलिटी कंडीशन बेहतर होनी चाहिए, ताकि आपके प्रेग्नेंट होने के चांसेस और भी बढ़ जाएं. आज इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आखिर मां-बाप बनने के लिए आपकी फर्टिलिटी डाइट कैसी होनी चाहिए. आपको प्रेग्नेंसी की प्लानिंग के दौरान क्या-क्या खाना चाहिए और किन-किन चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए.

फर्टिलिटी पर डाइट का कितना प्रभाव पड़ता है

द शेप में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क के M.D., M.P.H., F.A.C.O.G. और फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर माइकल गुआर्नासिया (Dr. Michael Guarnaccia) का कहना है कि आप रोजाना जो डाइट लेते हैं उसमें अगर कुछ न्यूट्रिशन शामिल कर दिया जाए तो यह आपके फर्टिलिटी रेट को और ज्यादा बेहतर बना सकता है. इसके साथ ही डॉक्टर माइकल का ये भी कहना था कि फर्टिलिटी को इंप्रूव करने के लिए आपको अपने खानपान में सुधार लाना चाहिए, क्योंकि आपकी फूड च्वॉइस ही ये तय करती है कि आपकी फर्टिलिटी कितनी बेहतर होगी.

बेहतर फर्टिलिटी के लिए कैसी डाइट लें

आज जिस तरह की हमारी लाइफस्टाइल है, जैसा हम हर रोज खाना खाते हैं, वो किसी भी तरह से हमारी सेहत और फर्टिलिटी के लिए बहुत अच्छा नहीं है. महिलाओं और पुरुषों में कई अलग-अलग कारणों से इनफर्टिलिटी की समस्या हो जाती है. खास तौर से महिलाओं में ये  PCOS, ओव्यूलेशन डिसऑर्डर, हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया और थायराइड के साथ-साथ हार्मोनल डिसऑर्डर से भी इनफर्टिलिटी की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में ट्रीटमेंट के साथ-साथ एक अच्छी डाइट भी आपको इस परेशानी से राहत दिला सकती है.


पिछले दिनों जानी मानी न्यूट्रीशनिस्ट रिद्धिमा बत्रा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए आप अपनी डाइट में किन चीजों को शामिल कर सकते हैं. उन्होंने अपने इस पोस्ट में बताया है कि अगर आप अपनी फर्टिलिटी कंडीशन को बेहतर करना चाहते हैं तो आपको अपने खाने में दाल और बीन्स को शामिल करना होगा. इसमें फाइबर और प्रोटीन दोनों होता है. ये आपके प्रजनन क्षमतो को बढ़ाने में मदद करेगा और इससे आपके ओव्यूलेशन में भी सुधार होगा.


इसके साथ ही आप अपनी डाइट में ग्रीक योगर्ट और चीज भी शामिल कर सकते हैं. दरअसल, इन दोनों चीजों में कैल्शियम और विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है, जो आपके अंडाशय के रोम को परिपक्व होने में मदद करता है. शतावरी, अंडे, एवोकाडो, हरी सब्जियां और खट्टे फल भी आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. खट्टे फल इसलिए क्योंकि इनमें विटामिन सी, पोटेशियम, कैल्शियम और फोलेट होते हैं. ये तीनों तत्व ओव्यूलेशन को रेगुलेट करके अंडों के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाकर फर्टिलिटी रेट को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.

इस तरह का खाना भी आपकी फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद करेगा

शेडी ग्रोव फर्टिलिटी, न्यूयॉर्क के रिप्रोडक्टिव एंडोक्रिनोलोजिस्ट डॉ. तोमर सिंह द शेप को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहते हैं कि अगर आप अपनी फर्टिलिटी को बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको फोलिक एसिड रिच फूड खाना चाहिए. उनका कहना है कि अगर आप मां-बाप बनने का प्लान कर रहे हैं तो आपको दिन में कम से कम 400 माइक्रोग्राम्स फोलिक एसिड तो चाहिए ही चाहिए. इसके लिए आप बीन्स, हरे मटर, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां और खट्टे फल खा सकते हैं.


इसके साथ ही अगर आप अपनी फर्टिलिटी रेट बढ़ाना चाहते हैं तो आपको वो चीजें खानी चाहिए जिनमें भरपूर मात्रा में आयरन हो. आयरन के लिए आप पालक, केला, ब्रॉकली, स्वीट पोटैटो और बीन्स खा सकते हैं. वहीं डॉक्टर माइकल गुआर्नासिया का कहना है कि फर्टिलिटी की संभावना बढ़ाने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड (omega-3 fatty acids) वाली चीजें भी अच्छी होती हैं. डॉ. गुआर्नासिया का कहना है कि जो लोग भी मां-बाप बनना चाहते हैं उनको हर दिन कम से कम 200 मिलीग्राम ओमेगा-3 फैटी एसिड लेना चाहिए.


डॉक्टर माइकल गुआर्नासिया कहते हैं कि फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए आपको कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स लेना चाहिए, सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स नहीं. दरअसल, कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स फूड में हाई फाइबर होता है और वह बहुत धीरे-धीरे डाइजेस्ट होता है. जबकि, सिंपल कार्बोहाइड्रेट्स में लो फाइबर होता है और वह तेजी से डाइजेस्ट हो जाता है. कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स फूड सभी के लिए अच्छे होते हैं. कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स के लिए आप ब्राउन राइस, होल व्हीट ब्रेड और पास्ता खा सकते हैं. इसके साथ ही आप जव और ओट्स भी ट्राई कर सकते हैं. इन सब के अलावा आप अगर मां-बाप बनने का सपना देख रहे हैं तो आपको अल्कोहल से थोड़ी दूरी बना लेनी चाहिए. इसके साथ ही जंक फूड से भी सावधान रहें.

ये भी पढ़ें: एक Kiss कर सकती है कई बीमारियों का किस्सा खत्म… लाइफ में आ जाती है हैप्पीनेस, जानें हैरान करने वाले 5 फायदे

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आंखों की रोशनी जाने का डर सता रहा है तो आज ही से ये 6 आदतें अपना लें…बरकरार रहेगी रोशनी

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How To Maintain Eye Health: आंखों के बिना दुनिया अंधेरी है.आंखों में रोशनी नहीं तो आप दुनिया की खूबसूरती नहीं देख सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में करीब 2.2 अरब लोग आंखों के विकार से जूझ रहे हैं. वहीं दिन प्रती दिन समस्या औऱ बढ़ती ही जा रही है, हालांकि आंखों की सेहत का खास ख्याल रख कर आप इन समस्याओं से बच सकते हैं.आइए जानते हैं वो खास टिप्स जिसे अपनाकर आप आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं

कंप्यूटर से दूरी बनाकर बैठे-आंखों की सेहत के लिए जरूरी है कि आप कंप्यूटर से उचित दूरी बनाकर ही बैठे, क्यों ना आप पढ़ाई कर रहे हो या फिर ऑफिस वर्क कर रहे हो. इसके अलावा अगर आप बहुत ज्यादा कंप्यूटर या फोन में लगे रहते हैं तो इससे आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.आंखों में दर्द की शिकायत हो सकती है. आप डिजिटल स्ट्रेन के शिकार हो सकते हैं. ऐसे में कोशिश करें कि काम के वक्त कंप्यूटर से उचित दूरी बनाए और जरूरत पड़ने पर ही इसका इस्तेमाल करें.

चेकअप कराते हैं-भले ही आपकी आंखों में कोई दिक्कत ना हो लेकिन आप समय-समय पर आंखों का चेकअप कराते रहें. खासकर डायबिटीज के रोगियों को समय-समय पर आंखों का चेकअप कराना जरूरी होता है, क्योंकि शुगर से आंखों पर नकारात्मक असर पड़ता है और लंबे समय तक डायबिटीज रहने पर आप ब्लाइंडनेस के शिकार हो सकते हैं.

पर्याप्त नींद लें-.आंखों को आराम देने के लिए आप पर्याप्त नींद लें. स्लीपिंग डिसऑर्डर की वजह से आंखों में होने वाली एक अन्य समस्या,एंटीरियर इस्कीमक ऑप्टि न्यूरोपैथी जिसमें ऑप्टिक तंत्रिका में घाव हो जाता है. इस बीमारी में ब्लड वेसल्स में सूजन हो जाती है जससे ऑप्टिक नर्व में रक्त का संचार नहीं हो पाता और इससे धीरे धीरे नजर कमजोर होने लगती है.

आंखों की सफाई करें-नियमित रूप से आपको आंखों की सफाई करनी चाहिए. अगर इसके प्रति लापरवाही बरतते हैं तो खुजली, आंखों का लाल होना, जलन, सूजन जैसी समस्याएं हो सकती है. आप जब भी कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करें, आंखों की सफाई जरूर करें. तीन से चार बार ठंडे पानी से दिन भर में आंखों को धोएं.

पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें-आंखों की समस्या से बचने के लिए विटामिन ए, विटामिन के, ई से भरपूर भोजन लेना चाहिए, विटामिन ए को रेटिनोल भी कहा जाता है. इसे आंखों की रोशनी के लिए अच्छा माना गया है. विटामिन ए को आप शकरकंद, गाजर, कद्दू, ऑरेंज, हरी सब्जियों से प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा विटामिन बी के लिए आप दाल,बींस, फिश, दही, दूध बादाम का सेवन कर सकते हैं. विटामिन सी आंखों को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाता है. कॉर्निया और स्क्लेरा के स्ट्रक्चर को बनाए रखने में मदद करता है. इसके लिए ब्रोकोली, आलू ,खट्टे फल का सेवन करें.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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होली खेलने से पहले ही शरीर तोड़ रहा ये वायरस

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<p style="text-align: justify;">देश भर में स्प्रिंग फ्लू और सीजनल फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं. केंद्र का कहना है कि ‘इन्फ्लुएंजा ए वायरस’ के कई वैरिएंट के कारण इंफेक्शन फैल रहा है, जो कि H3N2 फ्लू है. इन्फ्लूएंजा ए (H3N2) पूरे देश में प्रकोप जारी है लेकिन दिल्ली में यह कहर बरपा रहा है. इस बीमारी की वजह से पिछले एक महीने में ब्रोन्कियल कफ सिरप, एंटी-एलर्जी दवाओं और पैरासिटामोल दवाओं की खरीद में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.</p>
<h3 style="text-align: justify;">एंटी एलर्जी दवाओं की बिक्री में लगभग 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी</h3>
<p style="text-align: justify;">सीटी के कैमिस्टों के मुताबिक पिछले 45 दिनों में खुदरा काउंटरों पर एंटी एलर्जी दवाओं की बिक्री में लगभग 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं कई दूसरी तरह के कफ सिरप की बिक्री में 25 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.&nbsp; यह फ्लू लोगों में कोरोनावायरस के लक्षणों की नकल भी कर रहा है. मार्च के पहले सप्ताह में दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश और भारत के कई हिस्सों में H3N2 फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है. भारत सरकार ने इस पर इन्फ्लूएंजा से खुद को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है. इन्फ्लुएंजा H3N2 फ्लू के कुछ सबसे आम लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द, लगातार खांसी और सांस की समस्याएं हैं, जो कोविड के लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;">रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन केमिस्ट एलायंस</h3>
<p style="text-align: justify;">रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन केमिस्ट एलायंस (आरडीसीए) के महासचिव बसंत गोयल ने इन दवाओं की बिक्री में इस उछाल की पुष्टि करते हुए कहा कि इस बीमारी के फैलने के बाद से सबसे ज्यादा जिस कफ सिरप की बिक्री हुई है. ज्यादातर कफ सिरप एलर्जिक ब्रोंकाइटिस के लिए थे. फ्लू वायरस के प्रमुख लक्षणों में से एक है लगातार खांसी आना. आरडीसीए के जिला अध्यक्ष दिनेश आर्य ने कहा,’लगातार खांसी से राहत के लिए लोग आयुर्वेदिक कफ सिरप भी खरीद रहे हैं. उन्होंने कहा कि कफ सिरप की बिक्री में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है और एलोपैथिक और आयुर्वेदिक सिरप की बिक्री का अनुपात 70:30 है. उन्होंने कहा कि सूखी खांसी से निपटने के लिए लोग तरह-तरह के कफ सिरप की मांग कर रहे हैं. आरडीसीए के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र के जिला अध्यक्ष संदीप जैन ने कहा कि सूखी खांसी और एलर्जी के लिए दवाओं कि ब्रिकी में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है. हम जो दवा बेंच रहे हैं उसमें से 75 प्रतिशत कफ शिरप है. वह आगे कहते हैं कि खरीदी जा रही गैर-पर्चे वाली दवाओं में लोजेंज, हर्बल सिरप और खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवाएं हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">ICMR के मुताबिक, H3N2 फ्लू के कारण लंबी बीमारी भी हो सकती है. इसके अलावा, ICMR ने इस साल &nbsp;H3N2 इन्फ्लूएंजा फ्लू से खुद को सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है, जिसमें कहा गया है कि व्यक्ति को थोड़े-थोड़े टाइम गैप पर &nbsp;हाथ धोना चाहिए और खुद की साफ सफाई रखना चाहिए. उन्हें कुछ दिनों के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों से भी दूर रहना चाहिए.</p>
<h3 style="text-align: justify;">हां कुछ ऐसे समूह हैं जिन्हें H3N2 मौसमी फ्लू से ऐसे बचना चाहिए</h3>
<p style="text-align: justify;">5 साल से कम आयु के बच्चे</p>
<p style="text-align: justify;">65 साल से अधिक आयु के वयस्क</p>
<p style="text-align: justify;">अस्थमा या सांस की बीमारी के मरीज</p>
<p style="text-align: justify;">न्यूरोलॉजिक और न्यूरोडेवलपमेंट की स्थिति वाले लोग</p>
<p style="text-align: justify;">सिकल सेल एनीमिया जैसे रक्त विकार वाले लोग</p>
<p style="text-align: justify;">पुरानी फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोग</p>
<p style="text-align: justify;">जो लोग मोटे होते हैं, उनका बीएमआई 40 से अधिक होता है</p>
<p style="text-align: justify;">दिल, गुर्दे, या यकृत विकार वाले लोग</p>
<p style="text-align: justify;">ICMR ने देश भर में इन्फ्लूएंजा वायरस के प्रसार के संबंध में एक सलाह जारी की है, जिसमें लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने, सार्वजनिक रूप से मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और होली के मौसम में सभी स्वच्छता उपायों को बनाए रखने का आग्रह किया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="&lt;strong&gt;होली जैसे बड़े त्योहारों पर खूब होती है मिलावट खोरी…ईंट पाउडर, जानवरों की चर्बी और ड्राई स्टार्च, जानें किसमें क्या मिलाया जाता है&lt;/strong&gt;&lt;br /&gt;&nbsp;" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/what-is-food-adulteration-how-to-check-adulterated-food-festive-season-and-food-adulteration-2351268" target="_self"><strong>होली जैसे बड़े त्योहारों पर खूब होती है मिलावट खोरी…ईंट पाउडर, जानवरों की चर्बी और ड्राई स्टार्च, जानें किसमें क्या मिलाया जाता है</strong><br />&nbsp;</a></strong></p>

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बुखार कम करने में काम आ सकते हैं ये 5 पत्ते…क्या आपने कभी किया है इससे इलाज

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Leaves To Reduce Fever: बदलते मौसम के साथ खांसी बुखार जैसी समस्याएं होना आम है. इसे दूर करने के लिए आपकी इम्युनिटी पावर मजबूत होनी चाहिए. ऐसे में अगर आप इम्युनिटी बूस्ट करके हल्की-फुल्की खांसी बुखार को आयुर्वेदिक जड़ी बूटी से दूर करना चाहते हैं तो हम आपको पांच बहुत ही फायदेमंद पत्तों की जानकारी दे रहे हैं, जिसके इस्तेमाल से इम्युनिटी बूस्ट होगी और बुखार जैसी समस्या दूर हो सकती है,लेकिन साथ में आपको अपना खास ख्याल भी रखना होगा. सही पोषक तत्व लेने होंगे और अगर समस्या बढ़ जाए तो डॉक्टर को दिखाना जरूरी होगा.

धनिया के पत्ते-जिस धनिया की पत्ती कि आप चटनी बनाकर खाते हैं, वो बुखार कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. दरअसल धनिया के पत्ते और बीजों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स गुण पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत करके शरीर को हेल्दी रखने में मदद करते हैं. इसका इस्तेमाल करने के लिए आधा लीटर पानी में धनिया पत्ती डालकर इस पानी को पिएं. ऐसा करने से वायरल फीवर कम होने के साथ सर्दी जुखाम की परेशानी भी दूर हो सकती है.

तुलसी-तुलसी के पत्तों के फायदे तो सब जानते हैं, औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से अक्सर इसे खांसी जुकाम ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वहीं इससे बुखार भी कम किया जा सकता है. इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो मौसमी फीवर में शरीर की रक्षा करते हैं. इसका इस्तेमाल करने के लिए तुलसी की चाय पी जा सकती है. इसके अलावा पत्ते चबाकर भी खाए जाते हैं.

सहजन-सहजन के पत्ते का भी इस्तेमाल बुखार को कम करने के लिए किया जा सकता है. इनमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण पाए जाते हैं, जो बुखार को कम करने के साथ इम्यूनिटी को मजबूत करता है. सहजन के पौधे की छाल शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकालकर शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है.

ऑरेगैनो-ऑरेगैनो एक गुणकारी पौधा है जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है. ऑरेगैनो को अजवाइन की पत्तियों के नाम से जाना जाता है.यह एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो संक्रमण फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया से लड़ता है और कॉमन कोल्ड बुखार को कम कर सकता है. 

सेज-सेज के पत्ते को तेजपत्ता के नाम से भी जाना जाता है. ये शरीर की कई समस्याओं को आसानी से दूर कर सकते हैं. इसमें सैफीसिनोलाइड कंपाउंड होते हैं जो बुखार जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं.इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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