Yuan Falls to 2007 Lows: ग्लोबल टैरिफ वॉर के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक तरफ जहां दुनिया के बाकी देशों पर 90 दिनों के लिए टैरिफ पर ब्रेक लगाते हुए सिर्फ 10% का टैरिफ लगाया तो वहीं दूसरी तरफ चीन के ऊपर टैरिफ 104%  से बढ़ाकर 125% कर दिया. अमेरिका और चीन के बीच इस ट्रेड वॉर का करेंसी मार्केट पर बहुत ही बुरा असर पड़ा. अमेरिका के इस कदम से चीन का दम निकलता हुआ दिख रहा है. चीन की करेंसी युआन बुधवार को 17 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया.

डॉलर के मुकाबले युआन 7.3498 पर पहुंच गया, जो दिसंबर 2007 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. पूरे मामले से वाकिफ सूत्रों ने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया कि चीन के शीर्ष नेताओं का इस पूरे मुद्दे पर जल्द से जल्द एक बैठक करने की योजना है, ताकि वो अगला कदम उठाए जाए जिनसे अर्थव्यवस्था और कैपिटल मार्केट को बढ़ावा दिया जा सके.

इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने रायटर्स को आगे बताया कि अमेरिका के टैरिफ प्रेशर के बावजूद चीन के सेंट्रल बैंक अपनी करेंसी युआन को इस कदर नहीं गिरने देगा. ऐसे में देश के सभी सरकारी बैंकों से ये कहा गया है कि अमेरिकी डॉलर की खरीदारी को कम से कम करें.

चाइनीज एक्सपर्ट ने कहा कि जब तक अमेरिका की तरफ से उच्च दर वाले टैरिफ को वापस नहीं लिया जाता है, तो इसका मतलब ये होगा कि चीन का अमेरिका को एक्सपोर्ट आधा हो जाएगा. इससे चीन की जीडीपी के ऊपर सीधा असर पड़ेगा, जब तक की चीन किया जाना वाला निर्यात किसी और देश को न किए जाए. इससे पहले, पिछले सत्र में युआन एशियन मार्केट में 1% गिरकर रिकॉर्ड 7.4288 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था.

इधर, अमेरिका की तरफ से चीन को छोड़कर दुनिया के बाकी देशों पर 90 दिनों के लिए टैरिफ पर ब्रेक के एलान से अमेरिकी शेयर बाजार झूम उठा. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एसएंडपी 9.5 प्रतिशत के ऊपरी स्तर पर बंद हुआ जबकि नैस्डेक 12% चढ़कर 100 अंक बढ़त हासिल की. इसके साथ ही, डॉउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में करीब 7.9 प्रतिशत की उछाल देखी गई. एक दिन में करीब 30 बिलियन शेयर का कारोबार किया गया, जो कि एक दिन का रिकॉर्ड आंकड़ा है.

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