आज की बिजी लाइफ में ज्यादातर लोग इंस्टेंट बनने वाला खाना पसंद करने लगे हैं. सुबह ऑफिस जल्दी पहुंचना हो या बच्चों को टिफिन देना हो, ऐसे में मार्केट में मिलने वाले रेडी-टू-ईट पैकेट्स, इंस्टेंट नूडल्स, बिस्किट्स, चिप्स, केक, डिब्बाबंद जूस और फ्रोजन फूड्स जैसे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स हमारी डेली लाइफ के खाने का हिस्सा बन गए हैं, ये दिखने में जितने टेस्टी होते हैं, असल में उतने ही खतरनाक भी साबित हो सकते हैं. इन चीजों को खाने से हमें तुरंत भूख मिटाने में तो राहत मिलती है, लेकिन धीरे-धीरे ये शरीर में बीमारियों का जहर भरते जाते हैं. कई बार तो हमें पता भी नहीं चलता कि ये आदत हमें धीरे-धीरे गंभीर बीमारियों और समय से पहले मौत की ओर ले जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से हो कितनी सारी बीमारियां हो सकती हैं और इससे कितना मौत का खतरा बढ़ जाता है.
क्या होते हैं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स?
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स वे खाने की चीजें होती हैं जिन्हें बहुत ज्यादा प्रोसेस किया गया हो, जिसमें आर्टिशयल फलेवर्स, कलर्स, प्रिजर्वेटिव्स, और केमिकल्स डाले गए हों. इन फूड्स को तैयार करने में नेचुरल तत्वों का यूज बहुत कम और मशीनों व फैक्ट्रियों में बनने वाले केमिकल्स का यूज ज्यादा होता है. जैसे पैकेट वाले स्नैक्स, इंस्टेंट नूडल्स, बिस्किट, केक, पेस्ट्री, डिब्बाबंद जूस और कोल्ड ड्रिंक, फ्रोजन पिज्जा रेडी-टू-ईट खाना.
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से हो कितनी सारी बीमारियां हो सकती हैं?
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और दुनिया के कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस बात को बताया है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक हैं. इनके लगातार सेवन से शरीर में हार्मोनल असंतुलन, सूजन, वजन बढ़ना, और इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है. एक बड़े अध्ययन में पाया गया कि ज्यादा प्रोसेस्ड फूड खाने से कई बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है.
1. हार्ट अटैक और स्ट्रोक – अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद ट्रांस फैट, नमक और केमिकल्स खून की नलियों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे दिल की बीमारियों और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
2. मोटापा – इन फूड्स में कैलोरी ज्यादा और पोषण कम होता है, जिससे शरीर में चर्बी जमा होती है और वजन तेजी से बढ़ता है. इससे मोटापा होने की संभावना 55 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
3. नींद की समस्या – प्रोसेस्ड फूड्स में चीनी और कैफीन जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर में नींद के नेचुरल प्रोसेस को बिगाड़ते हैं. इससे नींद न आने की समस्या 41 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.
4. टाइप-2 डायबिटीज – इन फूड्स में छिपी हुई शुगर और रिफाइंड कार्ब्स ब्लड शुगर को इंबैलेंस करते हैं. इससे इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
5. डिप्रेशन – अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स दिमाग में मौजूद रसायनों जैसे सेरोटोनिन को प्रभावित करते हैं, जिससे मूड बिगड़ता है और डिप्रेशन की संभावना 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.
कितना बढ़ जाता है मौत का खतरा?
ज्यादातर जो लोग रोजाना ज्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, उनमें समय से पहले मौत का खतरा लगभग 30 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. क्योंकि ये फूड्स शरीर में सूजन और हाई ब्लड प्रेशर पैदा करते हैं, जो दिल और दिमाग को नुकसान पहुंचाते हैं. इन फूड्स में जरूरी पोषक तत्व नहीं होते, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. मोटापा, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं मौत का खतरा बढ़ाती हैं. इनसे लीवर, किडनी और दिमाग पर लंबे समय में बुरा असर पड़ता है.
यह भी पढ़े : 10 साल पहले ही दिखने लगते हैं हार्ट अटैक के ये लक्षण, दिल खुद ही करता है संभलने के इशारे
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
Calculate The Age Through Age Calculator