किचन में प्लास्टिक के बर्तन और चॉपिंग बोर्ड रखना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इनसे माइक्रोप्लास्टिक निकलकर खाने में मिल सकता है, जो धीरे-धीरे शरीर में जमा होकर गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर और पेट की समस्याओं का कारण बन सकता है. प्लास्टिक के बर्तनों की जगह आप स्टील, कांच या मिट्टी के बर्तन यूज करें.

अक्सर खाना पैक करने या ओवन में सेंकने के लिए एल्युमिनिकियम फॉयल का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन लंबे समय तक इसका यूज दिमाग और किडनी की समस्याओं का कारण बन सकता है. इसलिए एल्युमिनियम फॉयल की जगह पेपर फॉयल या सिलिकॉन बेकिंग मेट का यूज करें.

नॉन-स्टिक पैन में लगी टेफ्लॉन कोटिंग खाना पकाने के दौरान हानिकारक केमिकल छोड़ सकती है. अगर पैन की कोटिंग झड़ चुकी हो या फटी हुई हो तो यह लिवर, फेफड़े और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है. स्टील या कास्ट-आयरन के पैन का यूज करें, ये लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं.

किचन में टूटे-फूटे बर्तन, फटी हुई थाली या चटकी हुई हांडी रखना सेहत के लिए ठीक नहीं है. ये न सिर्फ खाने की शुद्धता को प्रभावित करते हैं, बल्कि नेगेटिव एनर्जी को भी अट्रैक्ट करते हैं. जले हुए तवे या पुराने बर्तन आपकी हेल्थ पर निगेटिव असर डालते हैं. ऐसे में पुराने और टूटे बर्तनों को तुरंत हटा दें और उनके स्थान पर मजबूत, साफ-सुथरे बर्तनों का यूज करें.

किचन में यूज किए गए पुराने तेल, एक्सपायर्ड मसाले या सड़ी दालें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं. यह ना सिर्फ बीमारियों को बढ़ावा देती हैं, बल्कि घर में गंदगी और नेगेटिव एनर्जी भी फैलाती हैं. पुराने तेल, मसाले और दालें तुरंत फेंक दें. किचन हमेशा साफ और व्यवस्थित रखें.
Published at : 19 Nov 2025 06:05 PM (IST)