बदलाव के दौर से गुजर रही भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैच की टेस्ट श्रृंखला में द ओवल में खेले गए रोमांचक आखिरी दिन सहित कभी हार नहीं मानी और कप्तान शुभमन गिल ने सोमवार को कहा कि यही जुझारूपन उनकी टीम की पहचान है.

रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद और मोहम्मद शमी जैसे सीनियर खिलाड़ी की अनुपस्थिति में गिल और उनकी टीम के लिए यह एक बड़ी श्रृंखला थी. यहां तक कि जसप्रीत बुमराह भी सभी मैचों के लिए उपलब्ध नहीं थे जिससे टीम को हर मैच में गेंदबाजी संयोजन बदलना पड़ा.

यहां अंतिम टेस्ट के चौथे दिन भारत पूरी तरह से निराश दिख रहा था. हैरी ब्रूक और जो रूट ने इंग्लैंड को रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल करने की ओर अग्रसर रखा लेकिन मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने मेहमान टीम को जोरदार वापसी दिलाई.

सोमवार की सुबह भी हालात भारत के पक्ष में नहीं थे लेकिन गिल एंड कंपनी एक शानदार जीत हासिल करने में कामयाब रही और श्रृंखला बराबर कर ली.

गिल ने कहा, ‘‘आज सुबह हमने जो किया उससे पता चलता है कि यह टीम क्या है. 70 के आसपास रन, सात विकेट हाथ में (चौथे दिन)। ब्रूक और रूट जिस तरह से खेल रहे थे दुनिया की अधिकतर टीमें खुद को मौका नहीं देतीं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस टीम का मानना है कि जब भी हमें कोई मौका मिलता है जो हम उस पर आगे बढ़ते हैं और ब्रूक के आउट होने के बाद हम यही बात कर रहे थे और फिर हमें बेथेल का शुरुआती विकेट मिल गया, यह हमारा मौका था, आइए उन पर दबाव बनाने की कोशिश करें.’’

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘जब आपके पास सिराज जैसा गेंदबाज हो तो कप्तान के तौर पर आपका काम बहुत आसान हो जाता है. आप बस मैदान पर खड़े होते हैं और आप बस उनकी गेंदबाजी की सराहना करना चाहते हैं.’’

पूरी श्रृंखला में उतार-चढ़ाव देखने को मिले और दोनों टीमें जी-जान से लड़ीं. जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ी, गिल एक बल्लेबाज और कप्तान के रूप में निखरते गए.

गिल ने कहा, ‘‘ऐसे कई पल आते हैं जब आपको लगता है कि यह सफर सार्थक है, वह पल जो हमने सुबह देखा था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है कि हर मैच या हर बार जब आप बल्लेबाजी करने जाते हैं तो आप अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं, आप शतक बनाना चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से खेल या जीवन ऐसे नहीं चलता. आपको जीवन के उतार-चढ़ाव से पार पाना चाहिए और हर समय संतुलित रहने की कोशिश करनी चाहिए.’’



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