मॉडर्न लाइफस्टाइल में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां लोगों को काफी तेजी से अपनी चपेट में ले रही हैं. यही वजह है कि लोग अपनी जिंदगी को लेकर काफी अलर्ट मोड में रहते हैं. वे बार-बार अपनी जांच कराते हैं, जिससे वे किसी गंभीर बीमारी की चपेट में न आ जाएं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका ब्लड टाइप की वजह से ही आपको पेट का कैंसर होने खतरा बढ़ जाता है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

कैसे तय होता है ब्लड ग्रुप?

जब तक लोग ब्लड डोनेट नहीं करते हैं या कोई सर्जरी नहीं कराते हैं, तब तक उन्हें अपने ब्लड ग्रुप के बारे में जानकारी नहीं होती. दरअसल, हर किसी को ब्लड ग्रुप उसके पैरेंट्स से विरासत में मिलता है. दुनिया के अधिकतर लोग चार ब्लड ग्रुप ए, बी, एबी या ओ के दायरे में ही आते हैं. ये अक्षर आपकी रेड ब्लड सेल्स की सतह पर शुगर और प्रोटीन (एंटीजन) के कॉम्बिनेशन को दिखाते हैं. इनका कनेक्शन एंटीबॉडीज से भी होता है, जो हमारे ब्लड प्लाज्मा में मौजूद होती हैं. इसके अलावा पॉजिटिव और नेगेटिव ब्लड टाइप से पता चलता है कि आपके ब्लड कौन-सा आरएच फैक्टर एंटीजन है. 

ब्लड ग्रुप से पता लग सकता है बीमारी का खतरा?

सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन आपके ब्लड ग्रुप से यह पता चलता है कि कौन-सी बीमारियां आपको प्रभावित कर सकती हैं और कौन-सी नहीं. दरअसल, एंटीजन और एंटीबॉडीज आपके इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. 2019 के दौरान पब्लिश बीएमसी कैंसर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ए या एबी होता है, उन्हें पेट का कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है. 

स्टडी में सामने आई डराने वाली बात

स्टडी में सामने आया कि ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में ए ब्लड ग्रुप के लोगों को पेट के कैंसर का खतरा 13 पर्सेंट ज्यादा था. वहीं, एबी ब्लड ग्रुप वाले लोगों में यह खतरा 18 पर्सेंट ज्यादा पाया गया. रिसर्चर्स ने 40 अन्य स्टडी के रिजल्ट्स भी चेक किए, जिनमें एक जैसा पैटर्न मिला. टाइप ए वाले लोगों में कैंसर का खतरा 19 पर्सेंट ज्यादा था, जबकि टाइप एबी वाले लोगों में पेट के कैंसर का खरा 9 पर्सेंट ज्यादा पाया गया.

ब्लड ग्रुप और पेट के कैंसर में क्या कनेक्शन?

साफतौर पर कहा जाए तो स्टडी में यह नहीं कहा गया कि ब्लड ग्रुप ए या एबी होने से सीधे तौर पर कैंसर हो सकता है. गौर करने वाली बात यह है कि अन्य ब्लड ग्रुप के लोगों को भी पेट का कैंसर होता है, लेकिन ब्लड ग्रुप्स के बीच कुछ बायोलॉजिकल डिफरेंसेज होते हैं, जिनकी वजह से पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इन डिफरेंसेज में सूजन को संभालने का शरीर का तरीका, सेल्स के कम्युनिकेशन और इम्यून सिस्टम के कैंसर सेल्स का पता लगाना आदि शामिल होता है. उदाहरण के लिए, ब्लड ग्रुप ए वाले लोगों में ब्लड ग्रुप ओ वाले लोगों की तुलना में पेट में एसिड का प्रॉडक्शन कम कर सकते हैं.

रिसर्च में बताई कैंसर होने की वजह

रिसर्च में पुरानी रिपोर्ट्स का भी हवाला दिया गया, जिसमें बताया गया कि ए ब्लड ग्रुप वाले लोग हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से इंफेक्टेड होने की आशंका ज्यादा होती है. हेलिकोबैक्टर पाइलोरी एक तरह का बैक्टीरिया है, जिसका कनेक्शन पेट के कैंसर से होता है. यह बैक्टीरिया बेहद खतरनाक होता है. स्टडी में देखा गया कि ए ब्लड ग्रुप के लोगों में पेट के कैंसर का खतरा ज्यादा था, भले ही वे हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से इंफेक्टेड हैं या नहीं. वहीं, एबी ब्लड ग्रुप के लोगों में पेट के कैंसर की आशंका उस वक्त ज्यादा होती है, जब वे हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से संक्रमित होते हैं.

किन लोगों को जल्दी होता है पेट का कैंसर?

नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के मुताबिक, अमेरिका में पेट का कैंसर ज्यादा कॉमन नहीं है, लेकिन दुनियाभर में यह पांचवां सबसे कॉमन कैंसर है. पेट के कैंसर के मामले एशिया, पूर्वी यूरोप और साउथ अमेरिका के कुछ हिस्सों में ज्यादा मिलते हैं. वहीं, पुरुषों में इस खतरनाक बीमारी के होने की आशंका करीब दोगुनी होती है. उम्र के साथ पेट का कैंसर होने का खतरा बढ़ता है, लेकन गौर करने वाली बात यह है कि युवा हिस्पैनिक महिलाओं में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आपकी डाइट, फैमिली हिस्ट्री और मोटापा जैसी हेल्थ कंडीशन के कारण भी पेट के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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