ईरान और इजरायल के बीच चल रहे जंग से स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड भी प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप इस वक्त किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है.
दरअसल, ईरान-इजरायल टेंशन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति और दुनिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों की वजह से भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. साथ ही, स्टॉक्स की वैल्यूएशन भी चिंता का कारण है.
ऐसे माहौल में, सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना समझदारी नहीं होगी. जरूरी है कि सोच-समझकर ऐसे फंड्स चुने जाएं जो इस माहौल में बेहतर प्रदर्शन कर सकें. तो आइए जानते हैं 2025 में कौन-से म्यूचुअल फंड कैटेगरीज़ पर भरोसा किया जा सकता है.
लार्ज कैप फंड्स, भरोसेमंद और स्थिर निवेश
लार्ज कैप फंड्स देश की टॉप 100 कंपनियों में निवेश करते हैं. ये कंपनियां फाइनेंशियली मजबूत होती हैं, इनका मैनेजमेंट बेहतर होता है और बाजार में इनकी पकड़ मजबूत होती है. जब मार्केट में अस्थिरता होती है, तब लार्ज कैप फंड्स सुरक्षित विकल्प बनते हैं. अगर आप स्थिर और भरोसेमंद रिटर्न चाहते हैं और तीन साल या उससे अधिक का निवेश प्लान है, तो ये फंड्स आपके लिए सही हैं.
वैल्यू फंड्स, सस्ते में दमदार स्टॉक्स
वैल्यू फंड्स उन कंपनियों में निवेश करते हैं जिनका मौजूदा मार्केट प्राइस उनकी असली कीमत से कम होता है यानी अंडरवैल्यूड होती हैं. ये कंपनियां मजबूत फंडामेंटल्स और भविष्य में बेहतर ग्रोथ की संभावना रखती हैं. इन फंड्स में निवेश के लिए 5 साल या उससे अधिक की समयसीमा रखें. बाजार जब गिरता है, तब ये मिडकैप और स्मॉलकैप से कम गिरते हैं और बुल रन में अच्छा रिटर्न भी दे सकते हैं.
फ्लेक्सी कैप फंड्स, हर आकार की कंपनियों में निवेश की छूट
फ्लेक्सी कैप फंड्स का निवेश मॉडल बहुत लचीला होता है. ये लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप — सभी में निवेश करते हैं. फंड मैनेजर बाजार के हिसाब से पोर्टफोलियो को बदल सकते हैं.
अगर बाजार गिरता है तो ये लार्जकैप में ज़्यादा पैसा लगाकर स्थिरता बनाए रख सकते हैं और अगर बाजार चढ़ता है तो मिडकैप और स्मॉलकैप में निवेश से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. 5 साल की समयसीमा वाले निवेशकों के लिए ये फंड्स एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं.
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स, इक्विटी और डेट का संतुलन
अगर आप चाहते हैं कि जोखिम भी हो और थोड़ा संतुलन भी बना रहे, तो एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स आपके लिए सही रहेंगे. ये फंड्स 65 फीसदी से 85 फीसदी तक इक्विटी और बाकी हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं.
बाजार में उतार-चढ़ाव के समय डेट हिस्सा पोर्टफोलियो को संतुलित करता है. ब्याज दरें घटने पर डेट फंड्स अच्छा प्रदर्शन करते हैं. 3 से 5 साल के लिए निवेश करने वाले मध्यम जोखिम वाले निवेशकों के लिए यह बढ़िया विकल्प है.
मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स, एक में तीन फायदे
ये फंड्स कम से कम तीन एसेट क्लास में निवेश करते हैं, इक्विटी, डेट और गोल्ड. कई फंड्स सिल्वर, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs), इन्विट्स, और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में भी निवेश करते हैं. इन फंड्स में एसेट क्लासेस का आपस में कम तालमेल (low correlation) होता है, जिससे जोखिम घटता है और पोर्टफोलियो संतुलित रहता है. 3 से 5 साल का नजरिया रखने वाले और थोड़ा ज्यादा जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए ये बेहतरीन विकल्प है.
समझदारी से करें म्यूचुअल फंड का चुनाव
2025 में निवेशकों के सामने मौके भी हैं और चुनौतियां भी. ऐसे में सिर्फ रिटर्न देखने की बजाय, निवेश का मकसद, समयसीमा और जोखिम सहने की क्षमता को ध्यान में रखकर म्यूचुअल फंड का चयन करना ज़रूरी है. लार्ज कैप्स से लेकर मल्टी एसेट फंड्स तक, हर कैटेगरी में अच्छे विकल्प मौजूद हैं, बस जरूरत है सही योजना और धैर्य की.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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