भारत के पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने बहुत बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने 15 इंटरनेशनल मैचों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया, वो अपने करियर में नया मुकाम हासिल कर सकते थे, लेकिन अक्सर लोग उनके लिए ‘बदकिस्मत’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं. तिवारी इससे सहमति नहीं रखते. उन्होंने बहुत बड़ा दावा किया कि एमएस धोनी उन्हें पसंद नहीं करते थे, इसी कारण उन्हें अच्छे प्रदर्शन के कारण सपोर्ट नहीं किया गया.
क्रिक ट्रैकर के साथ वार्ता में मनोज तिवारी से पूछा गया कि एमएस धोनी को खिलाड़ियों को पूरा सपोर्ट देने के लिए जाना जाता था. क्या धोनी ने उन्हें भी फुल सपोर्ट दिया था, इसके जवाब में तिवारी ने भारत के पूर्व कप्तान पर कई सारे तंज कस दिए.
धोनी ने सपोर्ट नहीं किया
धोनी द्वारा सपोर्ट मिलने पर मनोज तिवारी ने कहा, “धोनी खिलाड़ियों को सपोर्ट करते थे या नहीं, इस पर खिलाड़ियों की अलग-अलग राय हो सकती है. मैं अपना अनुभव बताऊं, अगर धोनी प्लेयर्स को सपोर्ट करने वाले होते तो मुझे जरूर मौके/सपोर्ट देते, क्योंकि मैंने निरंतर अच्छा करके दिखाया था. मैं प्लेइंग इलेवन में वापस आया और श्रीलंका के खिलाफ 4 विकेट-हॉल प्राप्त किया और साथ ही 21 रन भी बनाए. उससे अगले मैच में मैंने 65 रन बनाए थे.”
मनोज तिवारी कहते हैं कि उस मैच के बाद न जाने क्या हुआ, उन्हें मौके मिलने बंद हो गए. तिवारी का कहना है कि उनके लिए यह समझ पाना मुश्किल था कि धोनी ने उन्हें सपोर्ट क्यों नहीं किया, क्योंकि उनके अनुसार अच्छा प्रदर्शन ही प्लेइंग इलेवन में जगह पक्की करने का एकमात्र जरिया था.
धोनी नहीं करते थे पसंद
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि वो दूसरे के लिए कुछ नहीं कह सकते. हालांकि धोनी ने बार-बार साबित करके दिखाया कि वो एक महान कप्तान हैं. उन्होंने कहा, “धोनी की लीडरशिप क्वालिटी बहुत अच्छी थी, लेकिन मुझे सपोर्ट क्यों नहीं मिला, ये मैं नहीं जानता. इसका जवाब सिर्फ धोनी ही दे सकते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि कुछ विशेष खिलाड़ी ऐसे थे, जिन्हें धोनी बहुत पसंद करते थे और उस समय उन्हें अपना पूरा सपोर्ट दे रहे थे.”
तिवारी ने यह तक कहा कि क्रिकेट में पसंद और नापसंद बहुत चलती है. वो खुद को उन नामों में से एक मानते हैं, जिन्हें नापसंद किया जाता था.
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