BLO SIR Workload: देशभर में SIR का दूसरा चरण 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहा है. अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जानी है. इस बीच बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) लगातार बढ़ते काम के बोझ के कारण बेहद तनाव में काम कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, SIR से जुड़े काम में शामिल एक सीनियर टीचर ने बिंदयका रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली. अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि SIR से जुड़े काम को लेकर एक अधिकारी लगातार दबाव डाल रहा था, जिससे वे टूट गए.
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भी बीएलओ ने काम के दबाव में आकर आत्महत्या कर ली. केरल में रविवार को एक BLO, अनीश जॉर्ज (44), पय्यानूर, कन्नूर में अपने घर पर फंदे से झूलते मिले. इसके अलावा राजस्थान के सवाई माधोपुर में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम यानी SIR के काम में लगे बीएलओ की हार्ट अटैक से मौत हो गई. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर हार्ट अटैक और सुसाइड के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
क्यों बढ़ रहे हैं सुसाइड और हार्ट अटैक के मामले?
Centers for Disease Control and Prevention (CDC) के अनुसार, वर्क प्लेस पर अलग-अलग कारणों के चलते लोग सुसाइड अटेंप्ट कर लेते हैं. यही हाल बीएलओ के साथ भी हो रहा है. कुछ ऐसे कारण हो सकते हैं, जिसके चलते बीएलओ इस तरह के कदम उठा रहे हैं. इसमें-
लगातार बढ़ता काम का दबाव
जब जिम्मेदारियों की मात्रा क्षमता से कई गुना ज़्यादा हो जाए, जैसे BLOs के साथ SIR के दौरान हो रहा है तब शरीर और दिमाग दोनों पर लगातार तनाव पड़ता रहता है. लंबे समय तक यही तनाव दिल पर असर डालता है और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ाता है.
समय सीमा का दबाव
डेडलाइन पूरा न कर पाने का डर, अधिकारियों द्वारा लगातार फॉलो-अप, रिपोर्ट जल्द-से-जल्द जमा करने की मानसिक थकान यह सब मिलकर दिमाग पर जबरदस्त वजन डालता है. कई लोग इस दबाव को झेल नहीं पाते और टूट जाते हैं.
काम और निजी जीवन का संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाना
जब काम इतना ज़्यादा हो जाए कि परिवार, आराम, नींद और खुद के लिए समय ही न बचे, तो शरीर की रिकवरी रुक जाती है, मानसिक थकान बढ़ती है और दिल कमजोर पड़ता है.
लगातार तनाव से शरीर में हार्मोनल बदलाव
लंबे तनाव में शरीर स्ट्रेस हार्मोन यानी कॉर्टिसोल अधिक मात्रा में बनाता है. इसके चलते यह दिल की धड़कन बढ़ाता है, हाइपरटेंशन पैदा करता है, ब्लड क्लॉटिंग बढ़ाता है और नींद खराब करता है. ये सभी हार्ट अटैक के बड़े कारण बनते हैं.
गलती का डर और ऊपरी दबाव
जब हर गलती पर फटकार, शिकायत या सस्पेंशन का डर बना हो, तो इंसान हमेशा चिंता में रहता है. यह चिंता धीरे-धीरे मानसिक बीमारी, पैनिक, डिप्रेशन और आखिरी में सुसाइड जैसे कदम तक ले जा सकती है.
अत्यधिक तनाव में मानसिक स्वास्थ्य कैसे संभालें?
अगर कभी महसूस हो कि चीज़ें हाथ से निकल रही हैं या इमोशनल संकट गहरा रहा है, तो तुरंत किसी भरोसेमंद व्यक्ति, विशेषज्ञ या हेल्पलाइन से मदद लें. मदद मिलना वास्तविक है और यह सच में फर्क लाती है. इसमें आप यह कर सकते हैं कि अगर काम का दबाव जब असहनीय होने लगे, तो सबसे पहले खुद को रोककर संभालें. काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें. क्या ज़रूरी है और क्या इंतजार कर सकता है, इसकी प्राथमिकता तय करें और जरूरत हो तो ना कहना भी ठीक है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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