इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में अंशुल कंबोज ने भारत के लिए डेब्यू किया है. मैच शुरू होने से पहले दीपदास गुप्ता ने उन्हें डेब्यू कैप पहनाई, वहीं टॉस के बाद भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने बताया कि मैनचेस्टर टेस्ट के लिए टीम इंडिया में 3 बदलाव हुए हैं. शार्दुल ठाकुर और साई सुदर्शन टीम में वापस आए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा का केंद्र 24 वर्षीय अंशुल कंबोज बने हुए हैं. शायद आप नहीं जानते होंगे कि क्रिकेट करियर में अंशुल को अपने पिता से बहुत सपोर्ट मिलता रहा है.

कौन हैं अंशुल कंबोज?

अंशुल कंबोज करनाल के फाजिलपुर से आते हैं. दरअसल वो अंशुल के पिता, उधम सिंह ही थे जिन्होंने अपने बेटे के शानदार करियर की नींव रखी थी. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक उधम सिंह बताते हैं कि उनके बेटे का क्रिकेट का सफर तब शुरू हुआ, जब सतीश राणा से अंशुल का वजन कम करने के बारे में बात की थी. सतीश, अंशुल के बचपन के कोच रहे. पिता उधम सिंह अनुसार अंशुल का वजन काफी अधिक हुआ करता था, लेकिन जैसे ही अंशुल ने पहली बार अकादमी में कदम रखा वैसे ही उन्हें इस खेल से लगाव हो चला था. क्रिकेट, अंशुल कंबोज के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका था.

2023 में मिली पहचान

अंशुल कंबोज  भारतीय क्रिकेट में चर्चा का विषय तब बने, जब उन्होंने हरियाणा को 2023 में विजय हजारे ट्रॉफी जिताने में बड़ा योगदान दिया था. अंशुल ने उस टूर्नामेंट में 10 मैच खेलकर 17 विकेट चटकाए थे. इसी प्रदर्शन के कारण स्काउट्स (टैलेंट की खोज करने वाले लोग) की नजर उनपर पड़ी थी. उन्हें IPL 2024 में मुंबई इंडियंस के लिए 3 मैच खेलने का मौका मिला था.

एक ही पारी में लिए 10 विकेट

अंशुल कंबोज भारतीय डोमेस्टिक क्रिकेट में ऐसे केवल तीसरे गेंदबाज हैं, जिन्होंने एक ही पारी में सभी 10 विकेट चटकाए हों. उन्होंने केरल के खिलाफ मैच में 30.1 ओवर गेंदबाजी की और सिर्फ 49 रन देकर 10 विकेट लिए थे. भारतीय डोमेस्टिक क्रिकेट में उनसे पहले सिर्फ बंगाल के प्रेमांग्सु चटर्जी और राजस्थान के प्रदीप सुंदरम ऐसा कर पाए थे.

अंशुल कंबोज ने अपने फर्स्ट-क्लास करियर में अब तक 24 मैचों में 79 विकेट लिए हैं. अंशुल जरूरत पड़ने पर बैटिंग भी कर सकते हैं, फर्स्ट-क्लास करियर में उनके नाम 486 रन हैं.

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