एक बार फिर से भारत में कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. भारत में एक्टिव केसों की संख्या 1200 के पार जा चुकी है. सबसे ज्यादा कोरोना के केस केरल (430) में मिले हैं. उसके बाद महाराष्ट्र (385), कर्नाटक (126) और दिल्ली (104) में हैं. कोरोना के सब वैरिएंट से सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं.

इसी के साथ श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे दो छात्रों को पॉजिटिव पाया गया. ये छात्र केरल के रहने वाले हैं. देश में  कोरोना के वेरिएंट के सब वेरिएंट देखने को मिल रहे हैं. उनके सब वेरिएंट JN.1 और LF.7 सामने आ रहे हैं. ज्यादातर मामले JN.1 के आ रहे हैं. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि कोरोना से बचने के लिए क्या नई वैक्सीन लगवाने की जरूरत पड़ेगी. चलिए जानते हैं कि इसमें एक्सपर्ट्स की क्या राय है.

क्या नई वैक्सीन लगवानी पड़ेगी?

लोगों का कहना है कि कोरोना के सब वेरिएंट आने के बाद दोबारा वैक्सीन लगवाने की जरूरत पड़ेगी, लेकिन ऐसा पूरी तरह नहीं होगा. एक्सपर्ट का कहना है कि कोविड-19 के समय जिन लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया था. उनके शरीर में अभी भी नए वैरिएंट से लड़ने की क्षमता है. उनके शरीर में वैक्सीन की इम्यूनिटी अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है. जिससे उन्हें कोरोना होने के चांस कम है.

वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि वैक्सीन काफी पुरानी है तो इसका असर कम हो सकता है और साथ ही कोरोना होने का खतरा बढ़ सकता है. क्योंकि ये नया वेरिएंट है, ऐसे में वैक्सीन के सटीक काम करने की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं. 

सावधानी बरतना है जरूरी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वेरिएंट असर केवल 21 से 28 दिन तक रहेगा. इससे डरने की जरूरत नहीं है. कोविड 19 की आई दूसरी लहर की तरह यह भी खतरनाक नहीं होगी. इसी के साथ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि इससे बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है. भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए. हाथों को बार-बार सेनेटाइजर करना चाहिए और अगर आपको कोरोना के कुछ भी लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए. साथ ही अपनी सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टेंस बनाकर रखनी होगी. 

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