World IVF Day 2025: हर साल 25 जुलाई को वर्ल्ड आईवीएफ डे मनाया जाता है और इसके पीछे छुपी है एक वैज्ञानिक उपलब्धि की कहानी, जिसने लाखों दंपतियों को संतान सुख का उपहार दिया है.
यह घटना न सिर्फ चिकित्सा विज्ञान के लिए ऐतिहासिक थी, बल्कि उन लिए भी आशा की नई किरण बनकर उभरी, जो सालों से संतान के लिए संघर्ष कर रहे थे. हालांकि इस मसले पर निदेशक और आईवीएफ विशेषज्ञ बताते हैं कि, आईवीएफ एक उम्मीद जरूर है, लेकिन सफलता के लिए धैर्य और समय की आवश्यकता होती है.
ये भी पढ़े- IVF की पहली कोशिश में सफलता पाना चाहते हैं? इन बातों का रखें खास ध्यान
सफलता दर और खर्च कितना आता है
- आईवीएफ की सफलता हर दंपति के लिए एक समान नहीं होती. यह महिला की उम्र, शारीरिक स्वास्थ्य, हार्मोनल संतुलन और स्पर्म व एग की गुणवत्ता पर निर्भर करता है.
- 35 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में सफलता दर लगभग 40-50 प्रतिशत तक हो सकती है.
- 40 वर्ष के बाद यह दर घटकर 20 प्रतिशत तक रह जाती है.
- भारत में एक आईवीएफ साइकिल का खर्च लगभग 1.5 लाख से 2.5 लाख तक होता है. यदि एडवांस तकनीकें जैसे ICSI, डोनर एग या एंब्रायो फ्रीजिंग की जरूरत हो, तो खर्च 4 से 5 लाख तक भी पहुंच सकता है.
क्या है आईवीएफ और क्यों है खास?
आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक ऐसी चिकित्सा तकनीक है, जिसमें महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को शरीर के बाहर लैब में मिलाकर भ्रूण तैयार किया जाता है. फिर इस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है. यह प्रक्रिया उन दंपतियों के लिए वरदान है जो लंबे समय से संतान की चाह रखते हैं, लेकिन सामान्य उपायों से गर्भधारण संभव नहीं हो पा रहा.
आईवीएफ की प्रक्रिया क्या है
- ओवरी स्टिमुलेशन – महिला को विशेष हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिससे अधिक अंडाणु बनाएं जा सकें.
- एग रिट्रीवल – एक मामूली प्रक्रिया है, जिसके जरिए अंडाणुओं को निकाला जाता है.
- फर्टिलाइजेशन – अंडाणु और शुक्राणु को लैब में मिलाकर भ्रूण तैयार किया जाता है.
- एंब्रायो ट्रांसफर – तैयार भ्रूण को महिला के गर्भाशय में डाला जाता है.
- प्रेगनेंसी टेस्ट – लगभग 14 दिन बाद यह पुष्टि होती है कि, महिला प्रेगनेंट हुई है या नहीं.
आईवीएफ केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि भावनाओं, उम्मीदों और धैर्य की यात्रा है. यह उन लोगों के लिए नई रोशनी लेकर आता है, जिनकी ज़िंदगी में लंबे समय से संतान की कमी रही है. वर्ल्ड आईवीएफ डे हमें यही सिखाता है कि, जब विज्ञान और इंसान एक साथ चलें, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता.
ये भी पढ़ें: क्या काली ब्रा पहनने से भी हो जाता है कैंसर? डॉक्टर से जानें इस बात में कितनी है हकीकत
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
Calculate The Age Through Age Calculator