Bronco Test In Indian Cricket Team: भारतीय क्रिकेट टीम में फिटनेस को लेकर और भी ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर और स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स खिलाड़ियों के लिए ब्रोंको टेस्ट लेकर आए हैं. भारत के सभी प्लेयर्स के लिए इस टेस्ट को पास करना जरूरी है.
ब्रोंको टेस्ट एरोबिक सहनशक्ति और हृदय संबंधी सीमाओं को बढ़ाता है. ये यो-यो टेस्ट काफी अलग है. ऐसा नहीं है कि ब्रोकों टेस्ट आने के बाद खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट पास नहीं करना होगा, बल्कि इन दोनों टेस्ट के साथ ही 2 किलोमीटर का टाइम ट्रायल भी देना होगा. ये टेस्ट खासतौर पर तेज गेंदबाजों के लिए लाया गया है, जिससे उनके फिजिकल एफर्ट के बारे में पता लगाया जा सके.
क्या है ब्रोकों टेस्ट?
ब्रोकों टेस्ट एक तरह से एरोबिक रनिंग ड्रिल है, जिसकी मदद से खिलाड़ी का स्टेमिना, स्पीड और हर्ट की स्थिति को जाना जा सकता है. इस टेस्ट में 20 मीटर, 40 मीटर और 60 मीटर की शटल दौड़ होती है. एक सेट में तीन दूरियों को दौड़ना होता है और प्लेयर को ऐसे पांच सेट बिना रुके पूरे करने होते हैं. इस तरह से कुल मिलाकर खिलाड़ी को 1,200 मीटर बिना आराम किए दौड़ना होता है. इससे भी बड़ी बात ये है कि इस टेस्ट को 6 मिनट के अंदर खिलाड़ी को पूरा करना होता है.
YO-YO टेस्ट में क्या होता है?
भारतीय खिलाड़ियों की फिटनेस परखने के लिए 2017 से ही YO-YO टेस्ट कराया जाता है. भारतीय टीम के कप्तान जब विराट कोहली थे, तब स्ट्रेंथ कोच शंकर बासु ये टेस्ट लेकर आए थे. इस टेस्ट में 20 मीटर की दूरी पर रखे दो कोन के बीच खिलाड़ियों को दौड़ना होता है और इसके हर लेवल पर स्पीड बढ़ती जाती है. इसमें खिलाड़ियों को 40 मीटर की दौड़ लगाने के बाद 10 सेकंड का आराम दिया जाता है. इस टेस्ट में पास होने के लिए 17.1 अंक हासिल करना जरूरी है.
ब्रोकों टेस्ट और YO-YO टेस्ट में अंतर
YO-YO टेस्ट में खिलाड़ी की योग्यता और 10 सेकंड के अंतराल के बाद वापस स्पीड हासिल करने की काबिलियत देखी जाती है. वहीं ब्रोकों टेस्ट में एरोबिक सहनशक्ति को मापने के लिए डिजाइन किया गया है. अब खिलाड़ियों को केवल YO-YO टेस्ट ही नहीं, बल्कि ब्रोकों टेस्ट भी पास करना होगा, जिससे प्लेयर्स की ओवरऑल फिटनेस के बारे में सटीक जानकारी मिल सकती है.
2 किलोमीटर टाइम ट्रायल
यो-यो टेस्ट और ब्रोकों टेस्ट के अलावा खिलाड़ियों को 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल से भी गुजरना होगा. इस टेस्ट में खिलाड़ियों के टीम में रोल के मुताबिक स्टैंडर्ड सेट होते हैं. टीम में मौजूद तेज गेंदबाजों को ये ट्रायल 8 मिनट 15 सेकंड में पूरा करना होता है. वहीं बल्लेबाज, विकेटकीपर और स्पिन गेंदबाजों के लिए 8 मिनट 30 सेकंड का समय होता है.
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