अक्टूबर और नवंबर में भारी बिकवाली के बाद विदेशी निवेशक (FPI) एक बार फिर भारतीय शेयर बाजार की ओर वापिस लौट आए हैं. दिसंबर के पहले दो सप्ताह में FPI ने भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 22,766 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह निवेश अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतियों से प्रेरित है.
अक्टूबर की निकासी
पिछले महीनों में FPI की ओर से निवेश में भारी अस्थिरता देखी गई. अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से रिकॉर्ड 94,017 करोड़ रुपये की निकासी की, जो इस साल का सबसे बड़ा आंकड़ा था. इसके बाद नवंबर में 21,612 करोड़ रुपये की और बिकवाली हुई. इससे पहले सितंबर में FPI निवेश 57,724 करोड़ रुपये के साथ नौ महीने के उच्च स्तर पर पहुंचा था. यह अस्थिरता वैश्विक आर्थिक स्थितियों और अमेरिकी ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता का परिणाम थी.
दिसंबर में निवेश की वापसी
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 13 दिसंबर तक FPI ने भारतीय शेयर बाजार में 22,766 करोड़ रुपये का निवेश किया है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती और भारतीय रिजर्व बैंक की नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को कम करने की घोषणा ने विदेशी निवेशकों का विश्वास फिर से जीता है.
महंगाई और नीतिगत फैसलों की भूमिका
भारतीय बाजार में निवेशकों का रुख उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति में कमी से भी प्रभावित हुआ. अक्टूबर में मुद्रास्फीति 6.21% थी, जो नवंबर में घटकर 5.48% रह गई. इस सुधार से उम्मीद बनी है कि RBI अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कटौती करेगा.
चीन का बजा बाजा
हाल के महीनों में विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से पैसा निकालकर चीन में निवेश करने की प्रवृत्ति देखी गई थी. हालांकि, दिसंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार को प्राथमिकता दी है. दरअसल, आरबीआई द्वारा लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम और बेहतर महंगाई दर के आंकड़े, भारतीय बाजार में निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं.
आगे की संभावनाएं
पीटीआई से बात करते हुए मॉर्निंग स्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च के हिमांशु श्रीवास्तव कहते हैं कि विदेशी निवेशकों का रुख आगामी वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगा. इसके अलावा महंगाई दर, ब्याज दरों में कटौती और तीसरी तिमाही के नतीजे निवेशकों के फैसलों को प्रभावित करेंगे. इसके साथ ही बाजार की मौजूदा रिकवरी से भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों का भरोसा मजबूत होता दिख रहा है.
आपको बता दें, इस साल अब तक, FPI ने भारतीय शेयर बाजार में कुल 7,747 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. यह प्रवाह बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास संभावनाएं विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं.
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