मेडिकल साइंस ने एक नई उपलब्धि अपने नाम किया है. लंदन के डॉक्टरों ने जन्मजात अंधेपन का सफल इलाज किया है. जीन थेरेपी के जरिए जन्मजात अंधेपन के शिकार बच्चे का इलाज किया जा रहा है. यह एक रेयर जेनेटिक बीमारी है जिसमें लेबर कॉन्जेनिटल एमाउरोसिस (LCA) का इलाज किया जाता है. इसमें बच्चे की आंखों में  AIPL1 जीन की गड़बड़ी के कारण बच्चे जन्म से ही अंधे होते हैं. 

AIPL1 जीन थेरेपी

लंदन के ‘मूरफील्ड्स आई हॉस्पिटल’ और UCL इंस्टिट्यूट ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजी के साइंटिस्टों ने अपने इस सर्जरी के लिए 4 बच्चों को सेलेक्ट किया है. जिनकी उम्र 2 साल के बीच की थी. यह बच्चे अमेरिका, तुर्की और ट्यूनिशिया से आए थे. डॉक्टरों ने कीहोल सर्जरी के जरिए 1 घंटे में उनके रेटिना में हेल्दी AIPL1 जीन की कॉपी इंजेक्ट की. यह जीन थेरेपी के जरिए सेफ्टी वायरस में डाला गया.  बच्चों की रेटिना (आंखों की लाइट-सेंसिटिव परत) में इंजेक्ट किया गया. इस जीन थेरेपी के अंतर्गत फोटोरेसेप्टर सेल्स (रोशनी महसूस करने वाली सेल) सही करके आंख में डाला जाता है. ताकि दिमाग में सही दिशा सिग्रनल दे सके.

मूरफील्ड्स आई हॉस्पिटल के हेल्थ एक्सपर्ट ने क्या कहा?

प्रोफेसर मिशेल माइकलिड्स के मुताबिक  जीन थेरेपी के जरिए ऐसे लोगों की जिंदगी बदली जा सकती है. यह बचपन से होने वाली अंधेपन का गंभीर तरीके से इलाज साबित हुआ है. इस रिसर्च के मुताबिक प्रोफेसर जेम्स बैनब्रिजस ने कहा है कि बच्चे को इस अंधेपन से निकाला जा सकता है. इस जीन थेरेपी के बाद बच्चों में काफी ज्यादा सुधार देखा गया है. वैसे बच्चों के लिए यह उम्मीद की किरण की उम्मीद जगी है. 

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इलाज के परिणाम

इलाज के लिए 4 बच्चों के चुना गया और उन्हें जीन थेरेपी के जरिए इलाज किया गया है. इलाज के बाद देखा गया कि उन्हें गजब के सुधार देखने को मिले. अब ये बच्चे आराम से खिलौने पकड़ सकते थे. सिर्फ इतना ही नहीं वह अपने माता-पिता को पहचान भी पा रहे थे. कुछ तो आराम से पढ़-लिख भी पा रहे थे. 

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