India Defence Production: देश का डिफेंस सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है. कारोबारी साल 2024-25 में भारत का डिफेंस प्रोडक्शन 1,50,590 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है. एक साल पहले हुए 1.27 लाख करोड़ रुपये के टोटल प्रोडक्शन से यह 18 परसेंट ज्यादा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2019-20 के बाद से प्रोडक्शन में 90 परसेंट का उछाल आया है. उस दौरान रक्षा उत्पादन 79,071 करोड़ रुपये का हुआ था. 

रक्षा मंत्री ने इन्हें दिया कामयाबी का श्रेय 

रक्षा मंत्री ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर लिखा है, ”वित्त वर्ष 2024-25 में सालाना रक्षा उत्पादन बढ़कर 1,50,590 करोड़ रुपये के अब तक के हाई लेवल पर पहुंच गया है.”

उन्होंने आगे लिखा, ”ये आंकड़े पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन के मुकाबले 18 परसेंट की मजबूत वृद्धि और 2019-20 के बाद से 90 परसेंट की आश्चर्यजनक वृद्धि को दर्शाते हैं, जब यह आंकड़ा 79,071 करोड़ रुपये था.”

उन्होंने इस सफलता का श्रेय डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन, रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनियों और निजी कंपनियों को दिया. रक्षा मंत्री ने इन सभी के सामूहिक प्रयास को ‘ऐतिहासिक उपलब्धि’ करार दिया. 

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने दिखाई डिफेंस में भारत की ताकत 

एक दूसरे घटनाक्रम में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख समीर कामत ने भारत के सैन्य अभियान, ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ की सफलता की तारीफ की. इस दौरान पता चला कि भारत डिफेंस सेक्टर में कितना आगे है, यह टेक्नीकली कितना एडवांस्ड हैं और इसकी रणनीतिक दूरदर्शिता कितनी है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई, 2025 को शुरू हुए इस सैन्य अभियान में पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन को डिफेंस सेक्टर में इस्तेमाल की गई टेक्नोलॉजी से सपोर्ट मिला.

हवा में मार करने वाली मिसाइलों, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और AI-बेस्ड डिसिशन सपोर्ट सिस्टम का जिक्र किया, जिन्हें भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा विकसित किया गया है. 

 

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