India Crude Oil Import: डोनाल्ड ट्रंप ने जब से दूसरी बार अमेरिका की कमान संभाली है, तब से भारत के कच्चे तेल के आयात में गजब का उछाल आया है. यानी कि अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद से भारत ने अमेरिका से कच्चे तेल की अपनी खरीद को पहले के मुकाबले और भी ज्यादा बढ़ा दिया है, जो उर्जा की खरीद को लेकर भारत की रणनीति में हुए बदलाव की ओर इशारा करती है. 

आयात में दोगुने से ज्यादा का उछाल

पिछले साल के मुकाबले कच्चे तेल के आयात में 50 परसेंट से अधिक की हुई बढ़ोतरी से दोनों देशों के बीच उर्जा को लेकर बढ़ती साझेदारी का पता चलता है. सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से लेकर 25 जून तक अमेरिका से भारत के कच्चे तेल के आयात में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है.

पिछले साल इस दौरान भारत ने प्रतिदिन के हिसाब से 0.18 मिलियन बैरल तेल का आयात किया था, जो इस साल बढ़कर 0.271 मिलियन बैरल प्रतिदिन हो गया है. साल की पहली तिमाही यानी कि अप्रैल-जून 2025 में तो इसकी रफ्तार और भी तेज हुई है, जो 2024 के मुकाबले 114 परसेंट ज्यादा है. 

LPG और LNG का भी आयात बढ़ा

जुलाई में भी भारत ने जून के मुकाबले 23 परसेंट ज्यादा कच्चे तेल का आयात किया है. भारत के कुल कच्चे तेल आयात में जहां पहले अमेरिका की हिस्सेदारी केवल 3 परसेंट थी, वह जुलाई में बढ़कर 8 परसेंट हो गई. इस बीच, अमेरिका से भारत का LPG और LNG का आयात भी बढ़ा है. कारोबारी साल 2024-25 में LNG का आयात 2.46 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल के 1.41 अरब डॉलर से लगभग दोगुना है यानी कि लगभग 100 परसेंट का उछाल आया है.

रूस से भी होता रहेगा कारोबार 

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी आयात में भले ही तेजी आई है, लेकिन भारत रूस से भी कच्चे तेल की अपनी खरीद को जारी रखेगा. यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के बीच आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात रोक दिया है, जबकि भारतीय अधिकारियों ने ट्रंप के इस दावे का खंडन किया. दरअसल, ट्रंप ने रूस को यूक्रेन में जंग खत्म करने के लिए 10-12 दिनों का वक्त दिया है, अगर ऐसा नहीं हुआ, तो रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर अतिरिक्त प्रतिबंध और 100 परसेंट सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी दी है. 

 

ये भी पढ़ें:

बढ़ सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमत, रूस-अमेरिका के बीच टेंशन का ग्लोबल ऑयल की सप्लाई पर असर



Source link