ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में हर नौ में से एक व्यक्ति किसी न किसी संक्रमण से प्रभावित मिला. 4.5 लाख सैंपल में से 11.1 प्रतिशत में वायरस या रोगजनक मिले यह स्थिति बेहद गंभीर है.

स्टडी में कई प्रमुख वायरस सामने आए जैसे ARI/SARI में इन्फ्लूएंजा A, तेज बुखार वाले मामलों में डेंगू, पीलिया में हेपेटाइटिस A, डायरिया में नोरोवायरस और दिमागी बुखार जैसे मामलों में HSV. यह दिखाता है कि वायरस कई लेवल पर सक्रिय हैं.

डॉक्टरों का कहना है कि यह बढ़ती संख्या सिर्फ हल्के बुखार का मामला नहीं है. बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर immunity वाले लोगों में ये संक्रमण गंभीर बीमारी का रूप ले रहे हैं और अस्पतालों पर अतिरिक्त दबाव बना रहे हैं.

भीड़भाड़ और तेजी से बढ़ती जनसंख्या वायरस फैलने की सबसे बड़ी वजह है. शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट, ऑफिस और बाजार रोज लाखों लोगों को करीब लाते हैं, जिससे संक्रमण तेजी से फैलता है.

प्रदूषण भी असर डाल रहा है. खराब हवा फेफड़ों और इम्यून सिस्टम को कमजोर करती है, जिससे बार-बार खांसी, जुकाम और बुखार का खतरा बढ़ता है. मौसम में उतार-चढ़ाव और नमी मच्छरों और वायरस को तेजी से बढ़ने देती है.

COVID-19 के बाद immunity में आए बदलाव भी कारणों में शामिल हैं. इसके अलावा गंदगी, कचरे का खराब प्रबंधन और दूषित पानी हेपेटाइटिस, नोरोवायरस और डायरिया जैसी बीमारियों को तेजी से फैलाते हैं.

एक्सपर्ट के अनुसार रोजमर्रा की आदतें ही सबसे बड़ा बचाव हैं हाथ धोना, मास्क पहनना, साफ पानी पीना, मच्छरों से बचाव, घर में पानी जमा न होने देना, पौष्टिक खाना और पर्याप्त नींद. साथ ही फ्लू, और हेपेटाइटिस के टीके समय पर लगवाना बेहद जरूरी है.
Published at : 20 Nov 2025 10:39 AM (IST)