भारत में लगातार डायबिटीज के बढ़ते मामलों के चलते अब भारत को डायबिटीज की राजधानी कहा जाने लगा है. हाल ही में आई लैंसेट (The Lancet) की एक रिपोर्ट ने देश को लेकर बेहद गंभीर और डरावनी तस्वीर पेश की है. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें इस बीमारी की जानकारी ही नहीं होती, यह स्थिति बेहद खतरनाक है, क्योंकि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में एक साइलेंट किलर की तरह धीरे-धीरे फैलती है और अचानक ही खतरनाक रूप ले लेती है, जैसे कि किडनी फेल हो जाना, हार्ट अटैक या स्ट्रोक आ जाना.
एक और चौंकाने वाला मामला यह है कि डायबिटीज के जितने मरीज भारत में हैं, उनमें से लगभग 40 प्रतिशत को पता ही नहीं होता कि वे इस बीमारी के शिकार हैं. ये आंकड़े साफ इशारा करते हैं कि भारत में जागरूकता की बेहद कमी है, और साथ ही समय पर स्क्रीनिंग और टेस्टिंग की सुविधा भी आम लोगों को नहीं मिल पाती है.
क्या है डायबिटीज और क्यों है यह खतरनाक?
डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर में शुगर का लेवल नॉर्मल से बहुत ज्यादा हो जाता है. इसका मुख्य कारण यह है कि शरीर इंसुलिन नामक हार्मोन का सही यूज नहीं कर पाता या फिर यह हार्मोन पर्याप्त मात्रा में बनता ही नहीं है. अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह आंखों, किडनी, हार्ट और पैरों पर बुरा असर डाल सकता है.
लैंसेट की रिपोर्ट में क्या बताया गया?
लैंसेट की ग्लोबल हेल्थ स्टडी के मुताबिक, भारत में लगभग 2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. इनमें से 40 प्रतिशत को अपनी बीमारी की जानकारी नहीं है. 20 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जिनकी उम्र 40 साल या उससे ज्यादा है, लेकिन उन्हें डायबिटीज होने का अहसास तक नहीं है. शहरी इलाकों में डायबिटीज के केस ग्रामीण इलाकों से दोगुना ज्यादा हैं. इसका मुख्य कारण बदलती लाइफस्टाइल, प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड और तनाव है.
बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता कि डायबिटीज धीरे-धीरे बढ़ती है. इसका पहला स्टेज होता प्रीडायबिटीज है, जिसमें ब्लड शुगर नॉर्मल से थोड़ा ज्यादा होता है लेकिन इतना नहीं कि उसे डायबिटीज कहा जाए. प्रीडायबिटीज को अगर समय रहते पहचाना जाए तो इसे पूरी तरह रिवर्स किया जा सकता है. यानी आप सही खानपान, एक्सरसाइज और नियमित हेल्थ चेकअप से फिर से एकदम हेल्थ लाइफ जी सकते हैं.
आप कैसे जानें कि आपको डायबिटीज है?
डायबिटीज के कुछ आम लक्षण होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. जैसे बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में, ज्यादा प्यास लगना, अचानक वजन कम हो जाना, शरीर में थकावट या कमजोरी महसूस होना, हाथ-पैर में सुन्नपन या झुनझुनी,आंखों की रोशनी कमजोर होना या जख्मों का देर से भरना. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण लगातार महसूस हो रहा है, तो तुरंत ब्लड शुगर की जांच कराएं.
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