पैरों या हाथों में सुन्नपन: जब नसों में ब्लॉकेज होता है, तो खून का प्रवाह कम हो जाता है. इससे पैरों या हाथों में सुन्नपन और झनझनाहट महसूस होने लगती है. यह खासतौर पर चलने या लंबे समय तक बैठने के बाद महसूस होता है. अदरक की चाय पीना और हल्का व्यायाम करने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है.

सांस लेने में तकलीफ: नसों में ब्लॉकेज होने पर दिल को खून पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे सांस फूलना या चढ़ना शुरू हो जाता है.आंवले का रस और गुनगुना पानी नियमित पीना दिल को मजबूत बनाने में मदद करता है.

सीने में दर्द या दबाव: अगर सीने में अचानक दर्द या दबाव महसूस हो रहा है, तो यह नसों में ब्लॉकेज का गंभीर संकेत हो सकता है. इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें. लहसुन को आहार में शामिल करना कोलेस्ट्रॉल कम करके धमनियों को साफ करने में मदद करता है.

थकान और कमजोरी: खून का सही तरीके से अंगों तक न पहुंचना शरीर को थका देता है. छोटी-सी गतिविधि के बाद भी थकान महसूस होना ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है. बादाम और अखरोट का सेवन नसों को हेल्दी रखने में फायदेमंद है.

पैरों में सूजन: ब्लॉकेज होने पर खून और तरल पदार्थ पैरों में जमा हो सकते हैं, जिससे सूजन आ जाती है. रात को सोने से पहले गुनगुने पानी में नमक डालकर पैरों को डुबोना सूजन कम करने में मदद करता है.

चक्कर आना: नसों में ब्लॉकेज से दिमाग तक खून की सप्लाई कम हो जाती है, जिससे चक्कर आना या ध्यान न लग पाना जैसी समस्याएं होती हैं.तुलसी की पत्तियां और शहद का मिश्रण सुबह खाली पेट लेने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है.
Published at : 14 Aug 2025 06:31 PM (IST)