EPFO Meeting: सुस्त होती इंडियन इकोनॉमी को ताकत देने के लिए भारत सरकार ने मिडिल क्लास के लिए बजट के साथ भी और बजट के बाद भी सहूलियतों की झड़ी लगा रखी है. एक के बाद एक घोषणाएं और वादे किए जा रहे हैं. इन सबका मकसद लोगों के हाथ में कैश फ्लो बढ़ाकर खपत को विस्तार देने के रास्ते मार्केट में डिमांड पैदा करना है, ताकि बाजार को रफ्तार मिल सके.

इसलिए बजट में 12 लाख 75 हजार तक आमदनी पर टैक्स फ्री की घोषणा के साथ ही भारत सरकार अब पीएफ में जमा राशि पर भी इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने की घोषणा कर सकती है. आगामी 28 फरवरी को होने जा रही ईपीएफओ के सेट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में यह संभव है. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री करेंगे. इस बैठक में इंप्लॉयर एसोसिएशन और ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों की भी मौजूदगी रहने वाली है.

इसलिए लग रहा बढेगा रेट ऑफ इंट्रेस्ट

भारत सरकार का अभी सबसे अधिक जोर मार्केट डिमांड को बूस्ट करने पर है. इसके लिए तरह-तरह के उपाय कर रही है. इसलिए यह जरूरी है कि 12 लाख तक की आमदनी पर टैक्स फ्री करने के बाद सरकार लोगों को कुछ और जगहों से उनकी ज्यादा आमदनी होती दिखाए, ताकि लोग घरेलू खपत को अधिक से अधिक बढ़ाएं. इसलिए यह संभव है कि 2024-25 के लिए पीएफ पर मिलने वाले सूद की दर को बढ़ाया जाए.

पिछले दो सालों में भारत सरकार ने ऐसा किया है. 2022-23 में पीएफ का इंट्रेस्ट रेट बढ़ाकर 8.15 फीसदी किया गया था. 2023-24 में इसे बढ़ाकर 8.25 फीसदी किया गया. इसलिए बैंकों के बेस रेट को देखते हुए यह संभव लग रहा है कि पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दरें, थोड़ी ही सही लेकिन बढ़ाई जा सकती हैं.

सात करोड़ से अधिक हैं पीएफ खाता धारक

ईपीएफओ के पास सात करोड़ से अधिक खाता धारक हैं. 2023-24 की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक यह संख्या सात करोड़ 37 लाख थी. इसी तरह ईपीएफओ के पेंशन फंड में पैसा जमा करने वालों की संख्या भी लगभग आठ लाख हो चुकी है.

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