डायबिटिक न्यूरोपैथी: अगर आपको डायबिटीज है और पैरों में जलन महसूस होती है, तो यह न्यूरोपैथी का संकेत हो सकता है. इसमें शरीर की नसें धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं. अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो यह स्थायी नुकसान कर सकती है.

विटामिन बी12 की कमी: शरीर में विटामिन B12 की कमी से भी पैरों में झनझनाहट, सुन्नता और जलन हो सकती है. यह नसों के कामकाज को प्रभावित करता है और तंत्रिका तंत्र की कार्यक्षमता को कमजोर करता है.

किडनी फेल होना: किडनी की बीमारी या क्रॉनिक किडनी फेलियर में शरीर से विषैले तत्व पूरी तरह बाहर नहीं निकलते. ये टॉक्सिन्स नसों को प्रभावित कर सकते हैं और पैरों में जलन या झनझनाहट का कारण बन सकते हैं.

थायराइड की समस्या: हाइपोथायरायडिज्म यानी थायराइड का कम काम करना भी पैरों में जलन का कारण बन सकता है. इसमें शरीर की मेटाबॉलिज्म धीमी हो जाती है और नसों पर असर पड़ता है, जिससे जलन या चुभन महसूस हो सकती है.

परिधीय संचार विकार: (Peripheral Artery Disease – PAD) पैरों तक ब्लड सप्लाई कम हो जाती है, जिससे ऑक्सीजन की कमी से नसों में जलन, दर्द या ऐंठन हो सकती है. यह स्थिति दिल की बीमारियों से भी जुड़ी हो सकती है.

शराब का अधिक सेवन: ज्यादा शराब पीने से अल्कोहलिक न्यूरोपैथी हो सकती है, जो नसों को प्रभावित करती है. इससे पैरों में जलन, सुन्नता और कमजोरी महसूस होती है. यह स्थिति धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है.
Published at : 07 Aug 2025 03:36 PM (IST)