Hiring in Indian Startups: भारत की स्टार्टअप कंपनियां अब अपने बुरे दौर से उबर रही हैं. इन कंपनियों की फंडिंग में सुधार आ रहा है. यह देश के युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश के स्टाफिंग फर्मों ने साल 2025 तक स्टार्टअप कंपनियों में 20-30 फीसदी तक हायरिंग का अनुमान लगाया है.
स्टार्टअप कंपनियों में कम हुई छंटनी
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में Layoffs.fyi के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि स्टार्टअप कंपनियों में छंटनी होने के स्तर में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है, जो साल-दर-साल 46 प्रतिशत घटकर 2024 में 8,895 हो गई, जबकि 2023 में यह अनुमानित 16,398 थी.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से पता चलता है कि इन कंपनियों की फंडिंग में सुधार आया है. स्टार्टअप कंपनियों की फंडिंग में साल-दर-साल 14 फीसदी तक का इजाफा हुआ है, जो 2024 तक 10.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. इससे कंपनियों को बढ़ावा मिल रहा है कि वे फिर से अपने विकास पर ध्यान दें.
इन सेक्टरों में होगी सबसे अधिक हायरिंग
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि अगले साल रिटेल, ई-कॉमर्स, फिनटेक, FMCG,ऑटोमोटिव, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी के सेक्टर में सबसे अधिक हायरिंग हो सकती है. जबकि BFSI, टेलीकॉम, हेल्थकेयर, फार्मा और एनर्जी के सेक्टर में नए साल की पहली तिमाही में हायरिंग कम हो सकती है.
स्टार्टअप कंपनियों में हायरिंग गंभीर ‘फंडिंग विंटर’ (Funding Winter) की वजह से प्रभावित हुई, जिसके चलते 12-18 महीने तक के लिए इन पर निवेश न के बराबर हुआ. मार्केट रिसर्च फर्म वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों के अनुसार, जहां साल 2021 में 36 बिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट हुआ, वहीं 2022 में इसमें तेजी से गिरावट आई और 24.7 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ. 2023 में ये और घटकर 9.6 बिलियन डॉलर हो गया.
इस काम में होगा फंड का इस्तेमाल
स्टार्टअप कंपनियों में अब फंड का इस्तेमाल टीम को फिर से बनाने और कंपनी के लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए हो रहा है. जैसे कि सीरीज ए फंडिंग राउंड में कंपनी के जुटाए 10 मिलियन डॉलर (लगभग 83 करोड़ रुपये) से आम तौर पर 25 आईटी पेशेवरों को काम पर रखने में मदद मिलती है, जबकि 20 मिलियन डॉलर से 40 सीनियर लेवल एक्जीक्यूटिव को काम पर रखने में मदद मिलती है.
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