फाइनेंशियल प्लानिंग में टर्म इंश्योरेंस की भूमिका अहम होती है. फाइनेंस के एक्सपर्ट अक्सर लोगों को सलाह देते हैं कि उन्हें लंबी अवधि के लिए अपनी योजनाएं तैयार करते समय टर्म इंश्योरेंस पर जरूर गौर करना चाहिए. इस मोर्चे पर एक हालिया रिपोर्ट में अच्छे संकेत मिले हैं. रिपोर्ट बताती है कि देश में महिलाओं के बीच टर्म इंश्योरेंस की लोकप्रियता और स्वीकार्यता बढ़ रही है. अब महिलाएं ज्यादा टर्म इंश्योरेंस खरीद रही हैं, जिससे फाइनेंशियल प्लानिंग के प्रति उनकी बढ़ी जागरूकता का पता चलता है.

ज्यादा कवर वाली पॉलिसी की बढ़ी पसंद

यह रिपोर्ट तैयार की है इंश्योरेंस से संबंधित ऑनलाइन सेवाएं देने वाले प्लेटफॉर्म पॉलिसीबाजार ने. पॉलिसीबाजार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 2 सालों में महिलाओं द्वारा खरीदे गए टर्म प्लान की संख्या में 80 फीसदी की शानदार वृद्धि हुई है. इस दौरान ज्यादा कवर वाली पॉलिसी की खरीदारी में 120 फीसदी की तेजी आई है. मतलब महिलाएं अब न सिर्फ ज्यादा इंश्योरेंस खरीद रही हैं, बल्कि वे ज्यादा कवरेज वाली पॉलिसी का विकल्प भी चुन रही हैं.

इस कारण महिलाओं की बढ़ी खरीद

महिलाओं के द्वारा टर्म इंश्योरेंस खरीदने में तेजी आने का सबसे प्रमुख कारण है परिवार के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करने में उनकी सबसे अहम भूमिका. महिलाएं चाहे हाउस मेकर हों या कामकाजी, हर स्थिति में अपने परिवार के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग में उनकी केंद्रीय भूमिका रहती है. खासकर कामकाजी महिलाएं घर से लेकर बाहर तक अपने परिवार का ख्याल रख रही होती हैं. आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी की खरीदारी में सबसे ज्यादा हिस्सा कामकाजी महिलाओं का ही है. ये महिलाएं 55-60 फीसदी पॉलिसी खरीद रही हैं.

सबसे आगे हैं दिल्ली की महिलाएं

कामकाजी महिलाएं टर्म इंश्योरेंस लेने में आगे रहने के साथ ज्यादा कवर भी चुन रही हैं. वे अपने वित्तीय भविष्य के बारे में सोच-समझकर बड़ी कवर राशि चुन रही हैं. 2 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की कवर राशि वाले टर्म प्लान को खरीदने का ट्रेंड 2022 के बाद से लगभग डबल हो गया है. शहरों के हिसाब से सबसे ज्यादा दिल्ली की महिलाएं (8-10 फीसदी) टर्म इंश्योरेंस खरीद रही हैं. उसके बाद हैदराबाद (6-7 फीसदी), बेंगलुरु (6-7 फीसदी), मुंबई (4-5 फीसदी) और गुंटूर (4-5 फीसदी) जैसे शहरों का नंबर है.

उम्र के हिसाब से टर्म इंश्योरेंस की महिला खरीदार:









उम्र

कामकाजी महिलाएं

घरेलू  महिलाएं

25 साल से कम

7 फीसदी

12-13 फीसदी

25-29 साल

26-28 फीसदी

26-28 फीसदी

30-34 साल

31-33 फीसदी

32-35 फीसदी

35-39 साल

18-20 फीसदी

17-18 फीसदी

40 या उससे ज्यादा

15-17 फीसदी

8-9 फीसदी

पॉलिसी के साथ में ये राइडर लें महिलाएं

पॉलिसीबाजार में टर्म इंश्योरेंस के प्रमुख ऋषभ गर्ग इन आंकड़ों को उत्साहजनक बताते हैं. हालांकि साथ में वह सुझाव देते हैं कि महिलाओं को उचित कवर राशि के साथ क्रिटिकल इलनेस के लिए राइडर भी लेना चाहिए. विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों ने महिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपने क्रिटिकल इलनेस राइडर में ब्रेस्ट कैंसर, ओवरी कैंसर और सर्वाइकल कैंसर को भी शामिल किया है. कई इंश्योरेंस कंपनियां अब महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई हेल्थ मैनेजमेंट सर्विस भी प्रदान कर रही हैं. उनमें सालाना 36,500 रुपये तक के लाभ शामिल हैं, जो टेली-ओपीडी परामर्श और डायबिटिज, थायराइड, लिपिड प्रोफाइल, कैल्शियम सीरम और ब्लड टेस्ट जैसी सर्विस कवर करते हैं.

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