योग और रनिंग, एक्सराइज ऐसे भी किसी भी तरह के वर्कआउट दोनों के अलग-अलग तरह के होते हैं. योग के फायदे आपको धीरे-धीरे दिखाई देते हैं. यह एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी होता है. से मोटापा, डायबिटीज़, अस्थमा, और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का जोखिम कम होता है. योग से स्ट्रेस, एंग्ज़ायटी, और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का जोखिम कम होता है. इससे मानसिक और शारीरिक बैलेंस बना रहता है.
रनिंग करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन काफी तेज होता है और मांसपेशियां मज़बूत होती हैं. रनिंग से कैलोरी और फ़ैट बर्न दोनों होता है और मोटापा कम होता है. रनिंग से दिल भी बेहतर रहता है. रनिंग से पहले योग से वार्म-अप किया जा सकता है और रनिंग के बाद योग से कूल-डाउन किया जा सकता है. रनिंग और योग के बीच चुनाव आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और फ़िटनेस लक्ष्यों पर निर्भर करता है. अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं और मांसपेशियों को बढ़ाना चाहते हैं, तो जिम ट्रेनिंग करना बेहतर है.
वर्कआउट यानी एक्सरसाइज हम सभी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है. वहीं, वर्कआउट न करना और ज़रूरत से ज़्यादा कर लेना शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसलिए आज हम बात करेंगे कि एक व्यक्ति का कितनी देर वर्कआउट करना काफी माना जाता है.
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एक दिन में कितनी एक्सरसाइज़ है काफी?
रोज़ाना वर्कआउट न सिर्फ आपको मोटापे से बचाता है, बल्कि पाचन के साथ इम्यून सिस्टम को मज़बूती देता है और तनाव को भी दूर रखता है. इसमें तो कोई दो राय नहीं कि आप शरीर को जितना चलाएंगे उतने ही अच्छे प्रभाव देखेंगे. वर्कआउट आप कई तरीके से कर सकते हैं- जैसे जॉगिंग, दौड़, योग, डांस या फिर साइकलिंग. आप चाहे कोई भी एक्सरसाइज़ करें इससे आपकी मांसपेशियां मज़बूत होंगी और मूड में भी सुधार आएगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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