क्रिकेटर आकाशदीप रक्षाबंधन के मौके पर अपनी बहन से मिलने लखनऊ पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि बहनों से मिलकर काफी खुश हूं. मुझे अपनी बहनों से बहुत लगाव है. बहनों से मिलने से अच्छी फीलिंग और कोई नहीं हो सकती है. मैंने क्या महसूस किया उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता, जो बहनों ने रक्षा सूत्र पहनाया है जब तक ये खुद से नहीं निकल जाते तब तक मैं कभी नहीं निकालता. इसमें एक शक्ति है जब भी मैं कमजोर पड़ता हूं तो यह मुझे मोटिवेट करता है. एबीपी से बातचीत में आकाशदीप ने कहा कि जब मैं उस बर्मिंघम टेस्ट के लिए गया, उसके पहले मैंने जो दौर था वह बहुत मुश्किल दौर था, और मुझे इस बात का विश्वास नहीं कर पा रहा था, कैसी कंडीशन में मैं खेलने जा रहा हूं, खिलाड़ी के तौर पर निजी चीजों से ऊपर उठकर के आपको खेलना पड़ता है. ट्रेनिंग डाइट सब खराब हो गई थी जब दीदी बीमार पड़ी थी पर इस बीच मेरा नाम आया और नाम तब आया जब मैं अस्पताल में बैठा था और इस दौरान टीवी पर आया कि मेरा सिलेक्शन हुआ मेरा नाम आने पर बहन तो खुश थी, लेकिन मैं अंदर से यह सोच रहा था कि मैं कैसे खेल पाऊंगा. हालांकि मैंने जो पाया वह बहनों के आशीर्वाद से ही पाया है.

उन्होंने आगे कहा कि बहन को जब जीत का श्रेय दिया तो वह खुश थी बहन ने जो मेरे लिए किया है उसका मुझे एहसास था. शब्दों में बयां नहीं कर सकता वह दर्द और खुशी क्या थी। मेरी कोशिश यही है कि मैं अपनी बहन को थोड़ी खुशी दे पाऊं. बहन की तबियत पर कहा, बहन पहले के हिसाब से बेहतर है. रिकवर कर रही है. भगवान और डॉक्टर पर पूरा भरोसा है कि अच्छा ही होगा जब हमने किसी के बारे में बुरा नहीं सोचा है तो भगवान हमारे लिए बुरा क्यों सोचेंगे.

इंग्लैंड की तरफ से जो बैन करने की मांग है उस पर कहा कि जो भी चीज होती है वह मैच के दिन ही तय हो जाती हैं शाम तक. हमारे 10 साल के प्रोफेशनल करियर में हमारी छवि भी ऐसी नहीं रही है. उन्होंने पूरा वाक्या बताते हुए कहा कि बेन डकेट को 5 बार आउट कर दिया, 6वीं बार को लेकर उसने कहा भी इस इनिंग में तुम मुझे आउट नहीं कर सकते हो. आकाशदीप ने कहा कि क्रिकेट ऐसा होता है क्रिकेट टीम के लिए खेलना है , क्रिकेट ऐसा होता है जिसमें दिमाग ठंडा और शरीर गर्म रखना होता है. तो मैं ये बोला कि हमेशा तुम ही नहीं हिट करोगे कभी मैं भी हिट करूंगा.

अभी के मुकाम को लेकर कहा, सफलता में सभी का योगदान होता है. हर किसी ने आपके साथ सही किया होगा, सबका आशीर्वाद होता है तभी आप आगे बढ़ पाते हैं. मैंने क्रिकेट को लेकर कोई संघर्ष नहीं किया मैं क्रिकेट से प्यार करता हूं और इसलिए मैंने उसकी जो मेहनत करी वह मेरा संघर्ष नहीं है हो सकता है, परिवार यह मानता हो कि मेरा संघर्ष है, लेकिन मैं क्रिकेट से प्यार करता था और इसलिए मैं मेहनत करता हूं. आकाश ने बताया कि वह पिता को बहुत मिस करते हैं. उन्होंने कहा, मुझे अपने पिता से बहुत लगाव था. मेरा अपना ड्रीम था कि कि मैं अपने पिता के लिए कुछ कर पाऊं, क्योंकि पिता का एक ही सपना था कि मेरा बेटा कुछ करे. उनको मुझसे बहुत उम्मीद थी उनकी जब भी मुझसे बात होती थी कि देखो उनके किसी दोस्त का बेटा क्या बन गया, कुछ अच्छा जो बनता था उसका उदाहरण देते थे यह तमाम चीज मेरे दिमाग में हमेशा रहती थी पर उनके रहते हुए शायद सक्सेस नहीं मिल पाए.

आकाशदीप इंसान के तौर पर सचिन तेंदुलकर को रोल मॉडल मानते हैं. पर अगर क्रिकेटर की बात की जाए तो एक अच्छा इंसान बनना है जिससे लोग पूरी जिंदगी याद करें बाकी अच्छा क्रिकेट खेलने के लिए मेहनत जरुरी है और वह करनी पड़ेगी. रणजी खेलने की शुरुआत पर कहा की लक्ष्य इतना बड़ा है कि कभी यह लगता ही नहीं की अभी कुछ मिला है. मैं अभी तक अपनी कोई उपलब्धि नहीं समझता. मुझे आज भी मेहनत करना है आज भी सीखना है और देश के लिए तब तक खेलना है जब तक मैं कुछ कर सकूं. इंडियन क्रिकेट की एक लेगेसी है जिसे सिर्फ करना ही अपने आप में बड़ी बात है हमारे देश में ढेर सारे लीजेंड्स ने इसको आगे बढ़ाया है. देश के लिए खेलने के लिए जब फोन आया तो अच्छा महसूस हुआ और यह लगा कि यह मौका नहीं एक जिम्मेदारी है और देश के लिए खेलना एक बड़ी जिम्मेदारी है. एक्साइटेड होकर ज्यादा प्रेशर ना डालें और देश के लिए खेलें. बॉलिंग को अच्छा करने को लेकर के कहा कि एक ही सूत्र है कि आप एक्यूरेट रहे बॉलिंग पर जितना कंट्रोल हो आप उतना ही सक्सेस कर सकते हैं. स्विंग हो पेस जो भी हो यह जब तक आप एक्यूरेट नहीं है तब तक कोई मायने नहीं. मेरा बस यही फोकस रहता है कि आप कैसे एक्यूरेट रह सकते हैं.

बिहार में जो बच्चों की ट्रेनिंग कैंप खोला जा रहा है उसको लेकर आकाश ने कहा कि जो हमने फेस किया वह वहां के बच्चे ना फेस करें और इसलिए हम बच्चों को जो बेसिक फैसिलिटी होती है उसको देने की कोशिश कर रहा हूं. कई ऐसे पैरेंट हैं जिनके पास पैसे नहीं हैं तो वह वहां खेल सके और अगर किसी बच्चों को पैसे की भी जरूरत है तो उसकी भी हम मदद करेंगे. आकाशदीप के बहनों के लिए जो गाड़ी खरीदी है उसे लेकर कहा कि हमारी पूरी फैमिली की एक मंशा थी और तभी यह गाड़ी ली है. अकेले लेना होता तो शायद कोई और गाड़ी लेता लेकिन बहनों की मर्जी फॉर्च्यूनर की थी इसलिये वो लिया. उन्होंने कहा कि अभी आगे टेस्ट सीरीज है दिलीप ट्रॉफी है पर आगे का काम ग्राउंड में रहेगा. भागना है, दौड़ना है और इंप्रूव करना है, जिससे और देश का नाम रोशन करें.
Published at : 09 Aug 2025 10:44 PM (IST)