Pension Plan: देश में रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर लोग सजग हो रहे हैं. इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि भारत का पेंशन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (Asset Under Management) 2030 तक बढ़कर 118 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है और इसमें नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की हिस्सेदारी 25 फीसदी के करीब हो सकती है. एक रिपोर्ट के जरिए ये जानकारी सामने आई है. 

एनपीएस प्राइवेट सेक्टर एयूएम में शानदार ग्रोथ देखी जा रही है. और यह पिछले पांच वर्षों में 227 प्रतिशत के उछाल के साथ ये बढ़कर 2,78,102 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पहले 84,814 करोड़ रुपये था. डीएसपी पेंशन फंड मैनेजर्स (DSP Pension And Fund Managers) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की बुजुर्ग आबादी 2050 तक 2.5 गुना होने का अनुमान है. साथ ही रिटायरमेंट के बाद जीवन प्रत्याशा दर (Life Expectancy Rate)  में औसतन 20 साल की बढ़ोतरी होगी. 

मौजूदा समय में भारत की पेंशन मार्केट काफी छोटी है और केवल जीडीपी का 3 प्रतिशत ही है. रिटायरमेंट बचत अंतर सालाना 10 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है, जो संभावित रूप से 2050 तक लगभग 96 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय रिटेल निवेशक तेजी से पारंपरिक बचत के तरीकों से हटकर बाजार से जुड़े निवेश की ओर जा रहे हैं. बीते एक दशक में नकदी और बैंक जमा पर निर्भरता में 62 प्रतिशत से गिरकर 44 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि इस बदलाव को दिखाता है. वित्त वर्ष 2020 और 2024 के बीच नए एनपीएस पंजीकरण में मजबूत वृद्धि देखी गई है, जिसमें पुरुष ग्राहकों में 65 प्रतिशत और महिला ग्राहकों में 119 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 

सरकार द्वारा सितंबर 2024 में पेश किए गए एनपीएस वात्सल्य को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जिसने 86,000 से अधिक ग्राहकों को आकर्षित किया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अगले पांच वर्षों के अंदर 1.5 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ एनपीएस प्राइवेट सेक्टर का एयूएम 9,12,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है. डीएसपी पेंशन फंड मैनेजर्स के सीईओ राहुल भगत ने कहा, “हमारा मानना ​​है कि भारत का पेंशन बाजार तेजी से विकसित होने की राह पर है और सही नीतियों और बढ़ती जागरूकता के साथ इसमें अपने नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण मूल्य अनलॉक करने की क्षमता है. “

ये भी पढ़ें 

Shaktikanta Das: क्यों शक्तिकांत दास बनाए गए पीएम मोदी के प्रमुख सचिव?

 



Source link