Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे अब 5.50 परसेंट कर दिया है. इस साल लगातार तीसरी बार आरबीआई ने रेट रेट को कम किया है. रेपो रेट कम होने से का उन लोगों को सबसे बड़ा फायदा होगा, जिनका बैंक में पहले से कोई चल रहा है या जो नया लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि रेपो रेट कम होने से लोन सस्ता हो जाता है, बैंक इंटरेस्ट रेट कम कर देते हैं. 

रेपो रेट कम होने से इन्हें होगा नुकसान

हालांकि, यह उन लोगों के लिए बुरी खबर है, जिन्होंने किसी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर निवेश कर रखा है क्योंकि इससे रिटर्न कम मिलने की गुंजाइश बनी रहती है. 2025 में जब से रेपो रेट में कटौती की जा रही है, तब से बैंक FD ब्याज दर में असर देखने को मिल रहा है.

आरबीआई ने इस साल पहले फरवरी और फिर अप्रैल में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी, इसके बाद बैंकों ने भी FD पर इंटरेस्ट कम करना शुरू कर दिया. SBI रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2025 से FD रेट्स में 30-70 बेसिस पॉइंट्स की जबरदस्त कमी आई है. फिक्स्ड डिपॉजिट पर रिटर्न कम होने के साथ-साथ सेविंग बैंक अकाउंट्स पर भी इंटरेस्ट रेट में कमी आई है. 

अब क्या कर सकते हैं निवेशक? 

रेपो रेट कम होने से फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें घटने की भी उम्मीद है. हालांकि, इसमें अभी कई महीने लग सकते हैं. कई बैंक अब भी FD पर अच्छा ऑफर दे रहे हैं. ऐसे में बिना समय गंवाए निवेशक अधिक इंटरेस्ट रेट पर FD पर इंवेस्ट कर सकते हैं. कई बैंक अभी भी लॉन्ग टर्म वाले फिक्स्ड डिपॉजिट पर 8 परसेंट या उससे अधिक इंटरेस्ट ऑफर कर रहे हैं.

हालांकि, अभी अधिकतर स्मॉल फाइनेंस बैंक FD पर अधिक इंटरेस्ट का ऑफर दे रहे हैं, लेकिन चूंकि छोटे वित्तीय बैंकों में FD पर निवेश जोखिम भरा माना जाता है इसलिए निवेश करने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें कि यह डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (DICGC) के 5 लाख रुपये के जमा बीमा कवर के तहत आ जाए. 



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