<p style="text-align: justify;">’वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ के मुताबिक सारकोमा ट्यूमर को 100 से ज्यादा टाइप में बांटा जा सकता है. सारकोमा अलग-अलग तरह के ट्यूमर होते हैं जो बॉडी के मेसेंकाईमल लेयर में बनते हैं. इसलिए वह हड्डी में विकसित होने के साथ-साथ सॉफ्ट टिश्यू में भी बनने लगते हैं. नौजवान में ट्यूमर के लगभग एक प्रतिशत और बच्चों के ट्यूमर के 10 प्रतिशत सारकोमा के होते हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सारकोमा क्या है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सारकोमा एक ऐसा कैंसर है जिसकी विशेषता अनियंत्रित वृद्धि और शरीर के विभिन्न भागों में फैलने लगता है. सारकोमा का प्रकार उम्र के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. उदाहरण के लिए, बच्चों और युवा वयस्कों में हड्डियों का सारकोमा ज़्यादा आम है. जबकि वयस्कों में पेट के पिछले हिस्से में सारकोमा ज़्यादा देखा जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सारकोमा के कई कारण हो सकते हैं:</strong></p>
<p style="text-align: justify;">न्यूरो फाइब्रोमैटोसिस और लि-फ्रामिनी जैसे जेनेटिक सिंड्रोम</p>
<p style="text-align: justify;">अगर आपने पहले रेडिएशन एक्पोजर</p>
<p style="text-align: justify;">क्रोनिक इरिटेशन</p>
<p style="text-align: justify;">लिम्फेडेमा</p>
<p style="text-align: justify;">ह्मून हर्पीज वायरस जिसे कपोसी सारकोमा कहते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सारकोमा दिखता कैसा और यह शरीर में किन अंगों में फैलता है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यह बीमारी होने पर मरीज के शरीर में गांठ बनने लगता है. इसमें दर्द नहीं होता है लेकिन अगर इसका साइज बड़ा हो जाए तो दर्द काफी ज्यादा बढ़ सकता है. इसके कारण त्वचा में चेंजेज भी होने लगते हैं. इसमें बुखार भी होने लगता है. इसके ज्यादातर ट्यूमर जांघ, पेट और ग्रोइन में होते हैं. लेकिन यह सिर, गर्दन &nbsp;सहित शरीर के दूसरी हिस्सों में भी फैलने लगता है. ट्यूमर फेफड़ों में भी फैलने लगता है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सारकोमा कैसे शरीर में फैलता है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सारकोमा शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. लेकिन सबसे अधिक बार यह हाथ या पैर में होता है. ये ट्यूमर खास तौर पर बच्चों में पाए जाते हैं. सारकोमा के शुरुआती लक्षणों में काफी ज्यादा सूजन, गांठ या ट्यूमर शामिल हैं जो नए होते हैं और शरीर की संरचना और रूप को बदल देते हैं. जिसके कारण शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. शुरुआती लक्षण में सारकोमा सूजन के रूप में दिखाई दे सकता है जो धीरे-धीरे वो काफी ज्यादा उभरने लगता है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">पेट या ऊतकों में सारकोमा का पता लगने में अधिक समय लग सकता है. सारकोमा का पता अक्सर देर से पता चलता है. सारकोमा वाले ट्यूमर में काफी ज्यादा दर्द होता है.&nbsp; पेट के सारकोमा से पेट में दर्द हो सकता है और बड़े ट्यूमर ऊपरी त्वचा के रंग को बदल सकते हैं या घावों को ठीक नहीं कर सकते हैं. अगर ट्यूमर फेफड़ों तक फैल जाता है, सांस फूलना या थूक में खून आना जैसे लक्षण हो सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">सारकोमा की पहचान के लिए कुछ शुरुआती जांच करवाने होंगे. इसके लिए सबसे पहले एक्स-रे, सीटी, एमआरआई और पेट स्कैन जांच के साथ मरीज की हिस्ट्री की पड़ताल.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">सारकोमा बीमारी का इलाज</p>
<p style="text-align: justify;">सारकोमा की बीमारी का इलाज उसके स्टेज पर निर्भर करता है. सर्जरी, रेडिएशन थैरेपी और कीमोथेरेपी के जरिए इसका इलाज किया जाता है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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