आजकल डायबिटीज की बीमारी बेहद कॉमन हो चुकी है. अगर शुगर को कंट्रोल न किया जाए तो यह बीमारी चुपके-चुपके पूरे शरीर को खोखला कर देती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, अनियंत्रित डायबिटीज से नसों और ब्लड वेसल्स को गंभीर नुकसान पहुंचता है, जिससे हार्ट अटैक, किडनी फेलियर और आंखों की रोशनी जाने जैसी दिक्कतें हो जाती हैं. भारत में हालात और भी खराब हैं.

इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) की 2025 डायबिटीज एटलस रिपोर्ट कहती है कि देश में 10 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं और इनमें से आधे को तो बीमारी के बारे में पता भी नहीं चलता. आइए आपको बताते हैं कि शुगर कंट्रोल नहीं करने से बॉडी में क्या-क्या दिक्कतें होती हैं और उससे जिंदगी पर क्या असर पड़ता है?

यह होती है पहली दिक्कत

मुंबई के नामी अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. शैलजा पाटिल के मुताबिक, हाई शुगर से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है और आर्टरीज में प्लाक जमने लगता है. इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो सकता है. डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों में हार्ट अटैक का रिस्क 4 गुना ज्यादा होता है. IDF की 2025 में आई रिपोर्ट में भारत में 40 पर्सेंट डायबिटीज मरीजों को कार्डियोवस्कुलर प्रॉब्लम्स बताई गई है. वहीं, CDC की 2025 की रिपोर्ट भी कहती है कि डायबिटीज से हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक के हॉस्पिटलाइजेशन रेट्स लगातार बढ़ रहे हैं. 

ब्लड वेसल्स हो जाते हैं खराब

डॉ. पाटिल ने बताया कि डायबिटीज की वजह से किडनी डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि शुगर के हाई लेवल से किडनी के छोटे ब्लड वेसल्स खराब हो जाते हैं, यूरिन में प्रोटीन आने लगता है. इससे आखिर में डायलिसिस की नौबत आ जाती है. दरअसल, अनियंत्रित डायबिटीज से किडनी फेल्योर का खतरा पांच गुना तक बढ़ जाता है. भारत में 25% डायबिटीज मरीजों को क्रॉनिक किडनी डिजीज है. शुरुआत में सूजन या थकान लगती है, लेकिन इग्नोर करने से लाइफ तबाह हो जाती है.

नसों में होती है यह दिक्कत

डॉक्टर के मुताबिक, हाई ब्लड शुगर की वजह से नर्व डैमेज या डायबिटिक न्यूरोपैथी की दिक्कत होती है. दरअसल, हाई शुगर से नसों को ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स कम मिलते हैं, जिससे हाथ-पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन या दर्द होता है. यह दर्द रातों की नींद उड़ा देता है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. 

आंखों की रोशनी पर असर

डायबिटीज के कारण आंखों में खराबी आने लगती है या डायबिटिक रेटिनोपैथी हो जाती है. शुगर से रेटिना के ब्लड वेसल्स लीक हो जाते हैं, जिससे धुंधला दिखना या अंधापन हो सकता है. डॉ. पाटिल के मुताबिक, अनियंत्रित डायबिटीज से 20 पर्सेंट मरीजों को विजन लॉस हो जाता है. ADA की 2025 की रिपोर्ट कहती है कि शुरुआती चेकअप से 80 पर्सेंट केस बचाए जा सकते हैं. IDF के अनुसार, भारत में 10 मिलियन लोग इससे प्रभावित हैं.

नर्व डैमेज का खतरा

डॉक्टर ने बताया कि डायबिटीज की वजह से फुट अल्सर होने का खतरा भी बढ़ जाता है. दरअसल, हाई शुगर होने से नर्व डैमेज हो जाती हैं और खराब ब्लड फ्लो के कारण घाव नहीं भरते हैं. इससे इंफेक्शन फैलता है और एम्पुटेशन हो जाता है. अनकंट्रोल्ड डायबिटीज से फुट अल्सर का रिस्क 25 गुना बढ़ जाता है. ऐसी कंडीशन में मरीजों को पैरों में जलन या कटने का दर्द नहीं महसूस होता, जो घाव को गंभीर बना देता है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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