यह देखते हुए कि भारतीयों में कई सह-रुग्णताएँ हैं – मोटापा, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, आनुवंशिक इतिहास – जो आपके रक्तचाप को बढ़ा सकते हैं, उन्हें रीडिंग को इस सीमा के भीतर या उससे भी कम रखने की आवश्यकता है.
जब ठंड होती है, तो आपका शरीर आपके शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है। इससे आपका दिल रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करता है, जिससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है.
छुट्टियां तनावपूर्ण हो सकती हैं, जिसमें दिनचर्या में व्यवधान, अधिक शराब पीना और कम नींद शामिल है. तनाव से भी दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है.
बर्फ़ हटाने जैसे सर्दियों के काम दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से ही दिल की बीमारी है. सर्दियों में सूरज की रोशनी कम होती है, जिससे विटामिन डी की कमी हो सकती है। विटामिन डी का कम स्तर धमनियों की सूजन से जुड़ा होता है.
सर्दियों की छुट्टियों में अक्सर चीनी, वसा और शराब जैसे अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ अधिक शामिल होते हैं.तापमान के साथ कॉर्टिसोन का स्तर उतार-चढ़ाव करता है, जिससे प्लेटलेट्स चिपचिपे हो सकते हैं और अधिक आसानी से थक्के बन सकते हैं.
एनजाइना, या कोरोनरी हृदय रोग के कारण सीने में दर्द, सर्दियों में और भी बदतर हो सकता है.यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
Published at : 26 Dec 2024 06:47 PM (IST)