सैफ अली खान अब बिल्कुल खतरे से बाहर है वह एकदम स्वस्थ हैं. जैसा कि आपको पता है बीते दिन देर रात सैफ पर चाकू (Saif Ali Khan Knife Attacked) से हमला किया गया था. जिसके कारण उनकी रीढ़ की हड्डी के आसपास गंभीर चोट लगी थी. इसके बाद डॉक्टर ने उनकी सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी से रीढ़ की हड्डी से निकलने वाला तरल पदार्थ यानी स्पाइनल फ्लूइड निकलने के कारण सर्जरी की गई.
एक्टर सैफ अली खान (Saif Ali Khan) को हमले के बाद गुरुवार के दिन मुंबई के लीलावती अस्पताल में एडमिट करवाया गया था जिसके बाद उनकी सर्जरी की गई. सर्जरी करके सैफ की रीढ़ की हड्डी से ढाई इंच का चाकू निकाला गया जो हमले कारण टूट कर अंदर ही रह गया था. इसके अलावा उनके गर्दन और हाथ पर भी चोट लगी थी. जिसे सर्जरी के जरिए ठीक किया गया है.
सैफ अली खान को फिलहाल आईसीयू में है
डॉक्टरों ने मीडिया को सर्जरी के बारे में जानकारी दी और बताया कि सैफ अली खान का ऑपरेशन सफल रहा. फिलहाल ऑब्जरवेशन के लिए उन्हें आईसीयू (ICU) में रखा गया है. फिलहाल वे स्टेबल है और जल्द ही उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा. सैफ की सर्जरी करने वाले डॉक्टर नितिन डांगे ने एबीपी हिंदी लाइव से बात करते हुए बताया कि एक्टर के शरीर में घुसे चाकू को निकालने के लिए यह सर्जरी करना बेहद जरूरी था. साथ ही चोट के कारण होने वाले रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ के रिसाव को भी ठीक किया गया.
रीढ़ की हड्डी को सुरक्षित रखने के लिए सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड से ढका जाता है
रीढ़ की हड्डी को सुरक्षित रखने के लिए रीढ़ की हड्डी को सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (CSF) से ढका जाता है. यह फ्लूइड ड्यूरोमीटर नामक प्लास्टिक की परत से ढका होता है. जब कोई चोट लगती है जैसे कि सैफ अली खान के मामले में छुरा घोंपना तो इससे ड्यूरल टियर हो सकता है. जहां ड्यूरा जो अन्यथा एक कठोर सुरक्षात्मक झिल्ली होती है या फट जाती तो फिर दिक्कत होती है. यह टियर सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (CSF) लीक का कारण बन सकता है. जिसे अक्सर लिक्विड जैसा डिस्चार्ज होने लगता है.
स्पाइनल फ्लूइड लीकेज होने के कारण इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है
डॉक्टर के मुताबिक यह लीक खतरनाक है क्योंकि इससे रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क दोनों में संक्रमण फैलने का खतरा होता है. जिसे मेनिन्जाइटिस के रूप में जाना जाता है. जो जानलेवा हो सकता है. मेनिन्जाइटिस के अलावा CSF लीक से एराक्नोइडाइटिस भी हो सकता है. जिससे सिरदर्द, दौरे और कुछ मामलों में लकवा हो सकता है.
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मामूली लीक के मामले में इलाज लगभग आठ से 10 दिनों की दवा की जरूरत पड़ती है. हालांकि, सीएसएफ रिसाव के बड़े मामले में फटे हुए हिस्से को सील करना ज़रूरी होता है. इस प्रक्रिया को ड्यूराप्लास्टी या ड्यूरल क्लोजर कहा जाता है और यह सीएसएफ रिसाव के लिए जरूरी इलाज है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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