Mental Disorder in Kids : आज की बदलती लाइफस्टाइल और तेज रफ्तार जिंदगी न सिर्फ बड़ों बल्कि बच्चों की मानसिक सेहत को भी बिगाड़ रहा है. बच्चों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है. इसके पीछे बढ़ता कॉम्पटिशन, सोशल मीडिया का इस्तेमाल है. ज्यादातर पैरेंट्स अपने लाडले की फिजिकल हेल्थ पर पूरा ध्यान देते हैं, लेकिन मेंटल हेल्थ (Mental Health) को नजरअंदाज कर देते हैं.

बच्चों में छोटी-छोटी भावनात्मक और व्यवहारिक समस्याएं कभी-कभी किसी मानसिक बीमारी का संकेत हो सकती हैं. अगर समय रहते इन लक्षणों को पहचाना जाए, तो सही इलाज और देखभाल से बड़ी परेशानियों को भी टाला जा सकता है.

बच्चों में मानसिक बीमारी के शुरुआती लक्षण

1. व्यवहार में अचानक बदलाव

बच्चा जरूरत से ज्यादा चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो जाए. बिना किसी वजह के बार-बार रोना या उदास रहे, सामाजिक मेलजोल से बचने लगे और अकेले रहना पसंद करने लगे तो सावधान हो जाएं, यह मानसिक समस्या की ओर इशारा कर सकता  है.

2. पढ़ाई में दिलचस्पी कम होना

स्कूल जाने से बचने की कोशिश करना, किसी चीज पर फोकस करने में परेशानी और अक्सर होमवर्क या एग्जाम को लेकर चिंता करना भी मानसिक बीमारी का संकेत हो सकता है.

3. नींद और खाने की आदतों में बदलाव

नींद पूरी न होना या बार-बार डर के कारण नींद से जागना, भूख कम लगना या बहुत ज्यादा खाना शुरू कर देना और बिना कारण उसका वजन घटना या बढ़ना भी मेंटल डिसऑर्डर का लक्षण हो सकता है.

4. कॉन्फिडेंस में कमी और डर

अगर बच्चे को बार-बार असफलता का डर सता रहा है, नए काम करने से हिचकिचाहट हो रही है और भीड़ या अजनबियों से मिलने से बचने की कोशिश करना भी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम का संकेत हो सकती है. ऐसे में पैरेंट्स सावधान हो जाएं.

5. शारीरिक समस्याएं जिनका कोई कारण न हो

अगर बच्चे को लगातार सिर दर्द या पेट दर्द की शिकायत है, डॉक्टर की जांच में कोई बीमारी न होने के बावजूद अनहेल्दी महसूस कर रहा है, बहुत ज्यादा थकान हो रही है या उसमें एनर्जी की कमी रहती है तो पैरेंट्स को ध्यान देने की जरूरत है.

6. खुद को नुकसान या सुसाइड के बारें में सोचना

अगर बच्चा बार-बार खुद को नुकसान पहुंचाने की बातें कर रहा है, सुसाइड देने का संकेत दे रहा है या बार-बार इस परबात कर रहा है,अचानक से बहुत ज्यादा चुप रहने लगे या ज्यादातर समय अकेले ही रहे तो भी ध्यान देने की आवश्यकता है.

किन मानसिक बीमारियों के संकेत 

1. डिप्रेशन (Depression)

लगातार उदास रहना

कॉन्फिडेंस में कमी

जिंदगी में दिलचस्पी खत्म होना

2. एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorder)

छोटी-छोटी चीजों को लेकर बहुत ज्यादा चिंता करना

डर महसूस करना

3. अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD)

फोकस करने में दिक्कत होना

ज्यादा चंचलता 

4. ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism)

सामाजिक मेलजोल से बचना

किसी चीज में कम इंट्रेस्ट लेना

एक ही आदत को बार-बार दोहराना

5. ओब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD)

एक ही चीज को बार-बार करना, जैसे हाथ धोना या चीजों को गिनना

बच्चे में मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम दिखे तो क्या करें

बच्चे से खुलकर बात करें, उसे भरोसा दिलाएं कि आप उसकी समस्या समझते हैं और वह आपसे हर बात शेयर कर सकता है.

स्कूल में टीचर से बात करें, जानने की कोशिश करें कि बच्चे का बिहैवियर कैसा है

एक्सपर्ट की मदद लें, ताकि समस्या की सही पहचान हो सके.

बच्चे का स्क्रीन टाइम कम करें.

बच्चे को खेल-कूद और क्रिएटिव एक्टिविटीज में बिजी रखें

घर में पॉजिटिव एनवायरनमेंट दें, पढ़ाई को लेकर ज्यादा दबाव न डालें.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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