इंग्लैंड के स्पिनर लियाम डॉसन ने 8 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी की है, और आते ही बड़ा कमाल कर दिया. भारत के खिलाफ चौथे टेस्ट के पहले दिन उन्होंने टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद ओपनर यशस्वी जायसवाल का विकेट लेकर न सिर्फ अपनी टीम को राहत दी, बल्कि 3000 दिन बाद टेस्ट में विकेट लेकर इतिहास भी रच दिया है.

8 साल बाद मिली टेस्ट में एंट्री

लियाम डॉसन आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट की जर्सी में 2017 में नजर आए थे, जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज हाशिम अमला को आउट किया था. उसके बाद से वह टीम से बाहर थे. इस बार उन्हें इंग्लैंड के स्पिनर शोएब बशीर के चोटिल होने के बाद वापस टीम में खेलने का मौका मिला है और उन्होंने इसका भरपूर फायदा उठाया है.

डॉसन ने किस खिलाड़ी को बनाया अपना शिकार

डॉसन ने अपनी फिरकी में फंसा कर आउट किया भारत के इन-फॉर्म ओपनर यशस्वी जायसवाल को, जो उस समय अच्छी लय में दिख रहे थे. जायसवाल ने 58 रन बनाए थे और केएल राहुल के साथ 94 रन की ओपनिंग साझेदारी कर चुके थे.

डॉसन ने ओवर द विकेट गेंदबाजी करते हुए जायसवाल को आगे खेलने पर मजबूर किया. उनकी गेंद तेजी से सीधी निकली और बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में खड़े हैरी ब्रुक के हाथों में जा गिरी. यह विकेट भारत के लिए बड़ा झटका साबित हुआ, क्योंकि जायसवाल से बड़ी पारी की उम्मीद की जा रही थी.

लियाम डॉसन का करियर

टेस्ट डेब्यू- 2016 बनाम भारत, चेन्नई

टेस्ट विकेट- अब तक 7

पहला टेस्ट विकेट- मुरली विजय

अन्य शिकार- रवींद्र जडेजा, कगिसो रबाडा, केशव महाराज, हाशिम अमला, मोर्ने मोर्कल

फर्स्ट क्लास मैच- 212

फर्स्ट क्लास रन- 10731

शतक / अर्धशतक- 18 / 56

फर्स्ट क्लास विकेट- 371 (बेस्ट – 7/51)

डॉसन का डेब्यू भी 2016 में , चेन्नई में भारत के खिलाफ ही हुआ था. उस मैच में करुण नायर के 303 रनों की शानदार पारी ने डॉसन के डेब्यू को हल्का जरूर कर दिया था, लेकिन डॉसन ने मुरली विजय और जडेजा के विकेट लेकर अच्छी छाप छोड़ी थी.

टीम इंग्लैंड को बड़ी राहत

डॉसन की गेंदबाजी ने पहले दिन इंग्लैंड को अहम ब्रेकथ्रू दिया था, जब भारतीय बल्लेबाज सेट होते नजर आ रहे थे. शोएब बशीर की गैरमौजूदगी में उन्हें गेंदबाजी की जिम्मेदारी दी गई है और उन्होंने भरोसा कायम रखा है.

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या डॉसन इस टेस्ट में और विकेट लेकर खुद को बतौर नियमित विकल्प स्थापित कर पाते हैं या नहीं. भारत के खिलाफ उनकी वापसी बेहद यादगार रही है.



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