हंसने के लिए हम सभी तमाम फंडे अपनाते हैं लेकिन क्या आपने किसी को रोने के लिए ऐसा करते देखा है. अगर नहीं तो बता दें कि बॉलीवुड एक्ट्रेस अनन्या पांडे को रोना पसंद है, क्योंकि इससे खूबसूरती बढ़ती है. इसका खुलासा खुद उन्होंने एक पॉडकास्ट में किया है. दरअसल, आंसू (Tears) दिल की जुबान होते हैं. खुशी हो या ग दोनों में आंसू निकलते हैं. किसी के दुख में शामिल होकर रो लेना भी सेहत और ब्यूटी के लिए अच्छा होता है. इससे चेहरे पर निखार आता है और सुंदरता बढ़ती है. इतना ही नहीं रोने के कई अन्य फायदे भी हैं. आज हम बात करेंगे आंसुओं के फायदे और इसके पीछे के साइंस की.

रोने के क्या-क्या फायदे:  1. आंखें साफ होती हैं 2. बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा कम 3. दिमाग और शरीर रिलैक्स होता है 4. आंसुओं के साथ लव हार्मोंस भी रिलीज होता है 5. खुशी महसूस होती है 6. दर्द सहने की क्षमता बढ़ती है 7. स्ट्रेस कम होती है 8. आंखों की रोशनी बढ़ती है 9. हार्ट और ब्लड प्रेशर, कॉर्डियो जैसी खतरनाक बीमारियों का रिस्क कम होता है

रोने के क्या-क्या फायदे: 1. आंखें साफ होती हैं 2. बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा कम 3. दिमाग और शरीर रिलैक्स होता है 4. आंसुओं के साथ लव हार्मोंस भी रिलीज होता है 5. खुशी महसूस होती है 6. दर्द सहने की क्षमता बढ़ती है 7. स्ट्रेस कम होती है 8. आंखों की रोशनी बढ़ती है 9. हार्ट और ब्लड प्रेशर, कॉर्डियो जैसी खतरनाक बीमारियों का रिस्क कम होता है

अनन्या पांडेय का दावा है कि आंखों में आंसू आने से उन्हें नेचुरल ग्लो मिलती है. इसे लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबे समय तक या हर वक्त रोना स्किन के लिए नुकसानदायक हो सकता है. दरअसल, जब आंसू निकलते हैं तो उन्हें साफ करने के लिए टिशु या रुमाल यूज करते हैं, जिससे स्किन में जलन हो सकती है. इस जलन का कारण आइसोटोनिक होते हैं, जो आंसू में पाए जाते हैं. हमारी आंखों  से निकलने वाले आंसुओं का पीएच लेवल 7 होता है, जो त्वचा के पीएच 5-6 से ज्यादा होता है. PH लेवल बदलने से स्किन अलग तरह से रिएक्ट करती है. आंसू निकलने पर आंखों, चेहरे और नाक के आसपास के ब्लड वेसेल्स (Blood Vessels) फैल जाते हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. यही कारण है कि रोने के बाद आंखों का सफेद हिस्सा लाल या पिंक नजर आने लगता है.

अनन्या पांडेय का दावा है कि आंखों में आंसू आने से उन्हें नेचुरल ग्लो मिलती है. इसे लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबे समय तक या हर वक्त रोना स्किन के लिए नुकसानदायक हो सकता है. दरअसल, जब आंसू निकलते हैं तो उन्हें साफ करने के लिए टिशु या रुमाल यूज करते हैं, जिससे स्किन में जलन हो सकती है. इस जलन का कारण आइसोटोनिक होते हैं, जो आंसू में पाए जाते हैं. हमारी आंखों से निकलने वाले आंसुओं का पीएच लेवल 7 होता है, जो त्वचा के पीएच 5-6 से ज्यादा होता है. PH लेवल बदलने से स्किन अलग तरह से रिएक्ट करती है. आंसू निकलने पर आंखों, चेहरे और नाक के आसपास के ब्लड वेसेल्स (Blood Vessels) फैल जाते हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. यही कारण है कि रोने के बाद आंखों का सफेद हिस्सा लाल या पिंक नजर आने लगता है.

रोने से खुद को शांत करने में मदद मिलती है और दूसरों का सपोर्ट भी मिलता है. 2011 की एक रिसर्च के मुताबिक, रोना अटैचमेंट बिहेवियर है, जिससे आसपास के लोगों की मदद मिलती है.

रोने से खुद को शांत करने में मदद मिलती है और दूसरों का सपोर्ट भी मिलता है. 2011 की एक रिसर्च के मुताबिक, रोना अटैचमेंट बिहेवियर है, जिससे आसपास के लोगों की मदद मिलती है.

साल 2014 में हुए एक रिसर्च के अनुसार, रोने से मन हल्का होता है. इससे शरीर पैरासिम्पेथेटिक वर्व सिस्टम एक्टिव होता है, जिससे रिलैक्स मिलता है.

साल 2014 में हुए एक रिसर्च के अनुसार, रोने से मन हल्का होता है. इससे शरीर पैरासिम्पेथेटिक वर्व सिस्टम एक्टिव होता है, जिससे रिलैक्स मिलता है.

रोने से दर्द कम करने में मदद मिलती है. साल 2014 में हुई एक स्टडी में पाया गया कि आंसुओं के साथ ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन निकलते हैं, जो अच्छा महसूस करातेहैं और फिजिकली-इमोशनली पेन को कम करते हैं.

रोने से दर्द कम करने में मदद मिलती है. साल 2014 में हुई एक स्टडी में पाया गया कि आंसुओं के साथ ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन निकलते हैं, जो अच्छा महसूस करातेहैं और फिजिकली-इमोशनली पेन को कम करते हैं.

Published at : 17 Oct 2024 07:20 PM (IST)

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