Afro-Asia Cup: लगभग दो दशकों के गैप के बाद, एफ्रो-एशिया कप को फिर से शुरू करने की योजना है, जिसमें एशिया XI और अफ्रीका XI के बीच वाइट-बॉल मैच होंगे. अफ्रीका क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) ने अपने एनुअल कांफ्रेंस में टूर्नामेंट को फिर से शुरू करने पर चर्चा की, जिसमें छह सदस्यीय अंतरिम समिति का गठन भी किया गया. समिति का उद्देश्य एसीए को मजबूत करना और इंटरनेशनल लेवल पर अफ्रीकी खिलाड़ियों के लिए अधिक कॉम्पिटिटिव अपॉर्चुनिटी पैदा करना है.
एक ही टीम में हो सकते हैं विराट-बाबर और रोहित-रिजवान
अगर यह टूर्नामेंट फिर से होता है, तो यह भारतीय और पाकिस्तानी खिलाड़ियों को एक ही टीम में खेलते हुए देखने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करेगा. जो वर्तमान में केवल आईसीसी टूर्नामेंट में एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं. यह दर्शकों के लिए एक बड़ा उत्साह है, क्योंकि विराट कोहली, बाबर आजम, रोहित शर्मा मोहम्मद रिजवान जैसे खिलाड़ी एक ही टीम में खेल सकते हैं.
एशियाई क्रिकेट काउंसिल की नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
एसीए के अंतरिम अध्यक्ष और जिम्बाब्वे क्रिकेट के चेयरमैन तवेंगा मुखलानी ने कहा, “एफ्रो-एशिया कप न केवल खेल के लिए बल्कि आर्थिक नजरिय से भी महत्वपूर्ण है. दोनों महाद्वीपों के खिलाड़ियों और दर्शकों में जबरदस्त उत्साह है.” हालांकि एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की ओर से अभी तक इस आयोजन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस बात की प्रबल संभावना है कि टूर्नामेंट को फिर से शुरू किया जा सकता है.
एफ्रो-एशिया कप का इतिहास
एफ्रो-एशिया कप अब तक सिर्फ दो बार खेला गया है, 2005 में दक्षिण अफ्रीका में और 2007 में भारत में. 2005 के एफ्रो-एशिया कप में तीन वनडे मैचों की सीरीज खेली गई थी, जिसमें एक मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया था और बाकी मैचों के बाद सीरीज 1-1 से बराबर हो गई थी. वहीं, 2007 के टूर्नामेंट में एशिया XI ने तीनों मैच जीते थे. 2009 में केन्या में इस टूर्नामेंट की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसका आयोजन नहीं हो सका. अब करीब बीस साल बाद एक बार फिर इसके आयोजन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
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