ज्यादा वजन और मोटापा आजकल सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है. इसकी वजह से कई तरह की क्रोनिक बीमारियां भी हो रही हैं. यही कारण है कि ये समस्या चिंताजनक बनती जा रही है. सामान्य से ज्यादा वजन होने पर डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है.

हाल ही में आए अध्ययन में इसे लेकर गंभीर चिंता जताई गई है. इसमें कहा गया है कि जिस तरह से दुनिया में मोटापा बढ़ रहा है, उससे आने वाले समय में कई गंभीर समस्याएं (Obesity Risk Factors) बढ़ सकती हैं. आइए जानते हैं आखिर क्यों अलर्ट कर रहा यह रिपोर्ट...

हाल ही में आए अध्ययन में इसे लेकर गंभीर चिंता जताई गई है. इसमें कहा गया है कि जिस तरह से दुनिया में मोटापा बढ़ रहा है, उससे आने वाले समय में कई गंभीर समस्याएं (Obesity Risk Factors) बढ़ सकती हैं. आइए जानते हैं आखिर क्यों अलर्ट कर रहा यह रिपोर्ट…

द लैंसेट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में मोटापे को लेकर चिंता जाहिर की गई है. इसके अनुसार, दुनियाभर में मोटापे के शिकार बच्चों, किशोरों और वयस्कों की संख्या 1 अरब से भी ज्यादा हो गई है. शोधकर्ताओं ने बताया है कि साल 1990 के बाद से मोटापे की समस्या बढ़ी है. हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. ज्यादा वजन वालों में कई समस्याएं हो सकती हैं.

द लैंसेट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में मोटापे को लेकर चिंता जाहिर की गई है. इसके अनुसार, दुनियाभर में मोटापे के शिकार बच्चों, किशोरों और वयस्कों की संख्या 1 अरब से भी ज्यादा हो गई है. शोधकर्ताओं ने बताया है कि साल 1990 के बाद से मोटापे की समस्या बढ़ी है. हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. ज्यादा वजन वालों में कई समस्याएं हो सकती हैं.

WHO ने सहयोगियों के साथ मिलकर एक ग्लोबल डेटा तैयार किया है. जिसमें अनुमान जताया गया है कि 1990 की तुलना में 2022 में मतलब तीन दशक में बच्चों और किशोरों में मोटापा चार गुना तक बढ़ा है. महिलाएं में दोगुना और पुरुषों में यह समस्या तीन गुना से ज्यादा हो गई है. आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 15.9 करोड़ बच्चे और किशोर, जबकि 87.9 करोड़ वयस्क मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं.

WHO ने सहयोगियों के साथ मिलकर एक ग्लोबल डेटा तैयार किया है. जिसमें अनुमान जताया गया है कि 1990 की तुलना में 2022 में मतलब तीन दशक में बच्चों और किशोरों में मोटापा चार गुना तक बढ़ा है. महिलाएं में दोगुना और पुरुषों में यह समस्या तीन गुना से ज्यादा हो गई है. आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 15.9 करोड़ बच्चे और किशोर, जबकि 87.9 करोड़ वयस्क मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, दुनिया में इन दिनों जिन बीमारियों की वजह से मौत का खतरा या गंभीर समस्याएं हो रही हैं, उनका कारण ज्यादा वजन यानी मोटापा ही माना जाता है. बच्चों में मोटापा होना बेहद ही गंभीर समस्या बन सकती है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, दुनिया में इन दिनों जिन बीमारियों की वजह से मौत का खतरा या गंभीर समस्याएं हो रही हैं, उनका कारण ज्यादा वजन यानी मोटापा ही माना जाता है. बच्चों में मोटापा होना बेहद ही गंभीर समस्या बन सकती है.

इसका सीधा असर उनकी लाइफ पर पड़ता है, जो पूरी तरह प्रभावित हो सकती है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और हार्ट से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं. अगर इसे समय पर रहते कंट्रोल न किया जाए तो ये कई बड़ी बीमारियों को जन्म दे सकता है. इसलिए इन आंकड़ों को हेल्थ अलर्ट मानना चाहिए.

इसका सीधा असर उनकी लाइफ पर पड़ता है, जो पूरी तरह प्रभावित हो सकती है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और हार्ट से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं. अगर इसे समय पर रहते कंट्रोल न किया जाए तो ये कई बड़ी बीमारियों को जन्म दे सकता है. इसलिए इन आंकड़ों को हेल्थ अलर्ट मानना चाहिए.

Published at : 14 Mar 2025 12:14 PM (IST)

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