Patanjali Business News: पतंजलि आयुर्वेद का कहना है कि उसने भारतीय बाजार में अपनी अनूठी रणनीतियों के दम पर एक अलग पहचान बनाई है. कंपनी का दावा है कि पतंजलि तेजी से बढ़ती प्रतिस्पर्धी कारोबारी दुनिया में अपने स्वदेशी और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण के कारण चर्चा में है. पतंजलि की विस्तार रणनीति पारंपरिक और आधुनिक व्यापारिक तौर-तरीकों का मिश्रण है, जो इसे अन्य कंपनियों से अलग करती है.
कंपनी ने बताया, ”पतंजलि ने शुरूआत में FMCG (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) क्षेत्र में कदम रखा, जहां इसने आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उत्पादों जैसे घी, शहद, साबुन और शैंपू के साथ उपभोक्ताओं का भरोसा जीता. इसकी रणनीति का आधार है किफायती दामों पर रसायन-मुक्त उत्पाद उपलब्ध कराना, जो भारतीय संस्कृति और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देता है. कंपनी ने डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट के साथ साझेदारी कर अपनी पहुंच को और विस्तार दिया.”
क्या है पतंजलि का अगला लक्ष्य?
पतंजलि का दावा है, ”कंपनी की खासियत यह है कि यह केवल FMCG तक सीमित नहीं रही. कंपनी ने वित्तीय सेवाओं में कदम रखते हुए मैग्मा जनरल इंश्योरेंस में हिस्सेदारी खरीदी और बीमा क्षेत्र में प्रवेश किया. इसके अलावा, शिक्षा, हेल्थकेयर और जैविक खेती जैसे क्षेत्रों में निवेश कर यह सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रही है. पतंजलि का लक्ष्य अगले पांच सालों में 50,000 करोड़ रुपये का कारोबार करना है, जिसमें खाद्य उत्पाद, प्रीमियम बिस्कुट, और पाम तेल उत्पादन शामिल हैं.”
पतंजलि का कहना है, ”कंपनी ने वैश्विक बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज की है. अमेरिका, यूरोप और एशिया जैसे 30 से अधिक देशों में इसके उत्पाद निर्यात हो रहे हैं, जिससे स्वदेशी ब्रांड की मांग बढ़ी है. पतंजलि की हरी विपणन रणनीतियाँ और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता इसे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाती है. यह न केवल कारोबार बढ़ाती है, बल्कि आयुर्वेद और प्राकृतिक जीवनशैली को भी बढ़ावा देती है.”
देशभर में पतंजलि के हैं 47000 से ज्यादा रिटेल स्टोर
कंपनी ने बताया है कि पतंजलि की रणनीति का एक और महत्वपूर्ण पहलू है इसका मजबूत वितरण नेटवर्क. देशभर में 47,000 से अधिक रिटेल स्टोर और 3,500 डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखती है.
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