मानेसर स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जरी डिपार्टमेंट में कार्डियक एंड वस्कुलर सर्जन डॉ. महेश वाधवानी ने बताया है कि अगर अकेले में दिल को दौरा पड़े तो क्या करना चाहिए?

डॉ. वाधवानी बताते हैं कि दिल की समस्याओं के खास लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है. चलते समय सीने में भारीपन या दर्द, थोड़ी मेहनत पर सांस फूलना या अचानक सांस रुकना/घबराहट महसूस होना. ऐसे कोई भी संकेत मिलने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, यह आपकी सेहत के लिए बेहद अहम है.

तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करें: ये सबसे पहला और अहम कदम है. अपने मोबाइल से तुरंत एम्बुलेंस को फोन करें (भारत में 108 या 112). कॉल करते समय अपनी स्थिति और सटीक लोकेशन साफ-साफ बताएं. कोशिश करें कि फोन कॉल चालू रहे, ताकि मदद तेजी से आप तक पहुंच सके.

अपने घर तक पहुंच आसान बनाएं: जब आप मदद का इंतजार कर रहे हों तो कुछ तैयारियां कर लें. यदि रात का समय है, तो घर की सभी लाइट्स जला दें. मुख्य दरवाजा खोल दें, ताकि मेडिकल टीम आसानी से अंदर आ सके.

खुद को आराम की स्थिति में रखें: मेडिकल मदद आने तक अपनी ऊर्जा बचाना जरूरी है. अगर आप खड़े हैं, तो तुरंत बैठ जाएं या लेट जाएं. सबसे अच्छा होगा कि पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को थोड़ा ऊपर रखें. इससे दिल पर दबाव कम होता है और रक्त संचार सुधरता है.

अपने किसी करीबी को फोन करें: इस गंभीर स्थिति में किसी भरोसेमंद व्यक्ति जैसे परिजन, पड़ोसी या मित्र को कॉल करें. उन्हें बताएं कि आपने एम्बुलेंस को बुलाया है और आपकी हालत कैसी है. वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री या जरूरी जानकारी डॉक्टरों को दे सकते हैं, जिससे इलाज बेहतर हो सके.

एस्पिरिन लें (यदि उपलब्ध हो): अगर आपको एस्पिरिन से कोई एलर्जी नहीं है, तो 300 मिलीग्राम की एक एस्पिरिन चबा लें. यह खून को पतला करके खून के थक्के बनने की संभावना को कम करती है.

डॉक्टर्स की मानें तो कुछ खास लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम अधिक होता है और उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. इनमें 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले वे लोग शामिल हैं, जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा हो. इसके अलावा डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को भी दिक्कत होती है. साथ ही, सिगरेट या तंबाकू का ज्यादा सेवन करते हैं.
Published at : 26 Jul 2025 06:54 AM (IST)