IND vs ENG: मैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ, लेकिन अंतिम घंटे में जो ड्रामा मैदान पर देखने को मिला, उसने मुकाबले को यादगार बना दिया. भारतीय बल्लेबाज रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की रिकॉर्ड साझेदारी के दम पर भारत ने लगभग हारी हुई बाजी को बचा लिया. मैच के अंतिम क्षणों में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने ड्रॉ के लिए जडेजा के सामने हाथ मिलाने का ऑप्शन रखा, जिसे जडेजा ने मैदान पर ही अस्वीकार कर दिया.

क्या हुआ मैदान पर?

अंतिम सेशन के दौरान, जब 138 ओवर पूरे हो चुके थे, अंपायरों ने दोनों टीमों को संकेत दिया कि अगर दोनों कप्तान सहमत हों तो मैच को ड्रॉ घोषित किया जा सकता है. स्टोक्स ने आगे बढ़कर जडेजा से हाथ मिलाने की कोशिश की, लेकिन जडेजा उस वक्त 89 रन पर खेल रहे थे और शतक से केवल 11 रन दूर थे. उन्होंने साफ संकेत दिया कि वे खेल जारी रखना चाहते हैं.

टेस्ट के नियम क्या कहते हैं?

ICC के नियम 12.7.6 के तहत, टेस्ट मैच के आखिरी घंटे में यदि दोनों टीमों को लगे कि जीत की कोई संभावना नहीं बची है, तो वे आपसी सहमति से मैच समाप्त कर सकते हैं, लेकिन अगर कोई बल्लेबाज पारी जारी रखना चाहता है, तो नियम उसे यह अधिकार देता है. 

शतक पूरा करने के बाद खत्म हुआ मैच

जडेजा ने कुछ ही ओवरों में हैरी ब्रूक की गेंद पर छक्का लगाकर अपना छठा टेस्ट शतक पूरा किया. स्टंप माइक पर स्टोक्स की टिप्पणी, “तुम हैरी ब्रूक के खिलाफ टेस्ट शतक बनाना चाहते हो?” भी रिकॉर्ड हुई, जिसे क्रिकेट प्रेमियों ने सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया. इसके बाद वाशिंगटन सुंदर ने भी अपने करियर का पहला टेस्ट शतक पूरा किया. दोनों खिलाड़ियों ने सातवें विकेट के लिए 206 रन की साझेदारी की और भारत को मैच बचाने में अहम भूमिका निभाई. 

क्या बोले पूर्व इंग्लिश कप्तान?

पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल आथर्टन ने कहा कि ब्रूक की गेंदबाजी हास्यास्पद थी, लेकिन सुंदर और जडेजा ने शतक अर्जित करने लायक खेल दिखाया.

वहीं, भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने मैच के बाद कहा कि खिलाड़ियों की मंशा थी कि वे अपना शतक हासिल करें और टीम को मजबूत स्थिति में रखें.



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