EU-US Trade Deal: जापान, इंडेनेशिया, वियतनाम और ब्रिटेन के बाद अमेरिका ने अब यूरोपियन यूनियन (EU) के साथ भी ट्रेड डील कर ली है. दुनिया के इन दो सबसे बड़े पार्टनर्स के बीच ट्रेड डील को लेकर महीनों से बातचीत चल रही थी और अब आखिरकार डील पक्की हो गई है. यह समझौता स्कॉटलैंड में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच हुई एक बैठक के बाद हुआ.
अमेरिका ने EU पर लगाया 15 परसेंट टैरिफ
समझौते के तहत दोनों पक्ष यूरोपीय यूनियन के ज्यादातर प्रोडक्ट्स पर 15 परसेंट अमेरिकी टैरिफ लगाने पर सहमत हुए हैं. वैसे तो EU की डिमांड थी कि अमेरिका में भेजे जाने वाले उसके सामानों पर कोई टैक्स न लगे, लेकिन दोनों को नुकसान से बचाने के लिए यह डील फाइनल हुई है.
इससे पहले ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन के देशों से अमेरिका आयात होने वाले प्रोडक्ट्स पर 30 परसेंट टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जो 1 अगस्त से लागू होने वाला था. अब ईयू से अमेरिका आने वाले सामानों पर 15 परसेंट टैरिफ लगेगा, जबकि यूरोपीय यूनियन कुछ प्रोडक्ट्स पर जीरो टैरिफ के साथ अपना बाजार अमेरिकी एक्सपोटर्स के लिए खोल देगा. वॉन डेर लेयेन का कहना है कि इस समझौते से दोनों देशों के कारोबार में स्थिरता आएगी. दुनिया के कुल व्यापार का एक तिहाई इन्हीं दोनों के बीच होता है.
इन देशों पर लटक रही भारी टैरिफ की तलवार
अगर इन दो दिनों के बीच अमेरिका से कोई बात नहीं हो पाई, तो भारत, कनाडा और मेक्सिको जैसे देशों को 1 अगस्त से ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है. 1 अगस्त से दक्षिण कोरिया, भारत और ताइवान जैसे तमाम देशों पर 10 परसेंट के बेसलाइन टैरिफ को कहीं अधिक बढ़ा दिया जाएगा. पहले तो ये 9 जुलाई से ही लागू होने वाले थे, लेकिन फिर ट्रंप ने 1 अगस्त तक इनकी डेडलाइन बढ़ा दी थी.
इन देशों पर फूटा रेसिप्रोकल टैरिफ का बम
इस बीच, अमेरिका ने ब्राजील के अलावा, श्रीलंका, ब्रुनेई, मालदीव, फिलीपींस, इराक, लीबिया, अल्जीरिया जैसे देशों पर बेसलाइन से कहीं ज्यादा 20 परसेंट से लेकर 50 परसेंट तक टैरिफ का बम फोड़ा है.
इधर, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) ने मामले से परिचित लोगों के हवाले से रविवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका और चीन के बीच सोमवार से स्टॉकहोम में शुरू होने वाली व्यापार वार्ता में टैरिफ की डेडलाइन को तीन और महीने के लिए बढ़ाने पर बात हो सकती है. इस बीच, बीते कुछ दिनों में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद अमेरिका ने चीनी आयात पर टैरिफ को 30 परसेंट तक कम कर दिया है, जबकि चीन ने इसे 10 परसेंट तक कम किया है.
भारत पर क्या है रूख?
इधर, बीते गुरुवार को ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए एक इंटरव्यू में देश के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि भारत पर 26 परसेंट टैरिफ का खतरा टल जाएगा और भारत अमेरिका के साथ एक समझौते पर पहुंच जाएगा. उन्होंने बताया था कि अमेरिका-भारत के बीच व्यापार वार्ता में कोई अड़चन नहीं है. हालांकि, उनके ऐसा कहने के बावजूद अब लोकल मीडिया के मुताबिक, 1 अगस्त से पहले किसी अंतरिम समझौते की संभावना कम हो गई है.
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