लिवर हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन, डिटॉक्स और एनर्जी स्टोरेज का काम करता है. अगर लिवर सही से काम न करे, तो पूरी हेल्थ बिगड़ सकती है. परेशानी यह है कि लिवर डैमेज की शुरुआती स्टेज पर ज्यादातर लोग इसके संकेतों को पहचान नहीं पाते. लेकिन शरीर हमें कई संकेत देता है, खासकर आंखों, हाथों, पैरों और पेट में. अगर इन संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है.
आंखों में पीला रंग
अगर आपकी आंखों का सफेद हिस्सा पीला हो जाए, तो इसे नजरअंदाज न करें. यह जॉन्डिस (पीलिया) का संकेत है, जो लिवर के सही से काम न करने के कारण होता है. जब लिवर डैमेज होता है, तो खून में बिलीरुबिन बढ़ जाता है, जिससे आंखें और त्वचा पीली पड़ जाती हैं. यह लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस या लिवर फेल्योर की ओर इशारा कर सकता है.
हथेलियों पर लाल निशान
हथेलियों पर लाल चकत्ते या पैच आना भी लिवर की गड़बड़ी का लक्षण है. इसे पामर एरिथेमा कहा जाता है. यह स्थिति लिवर की गंभीर बीमारी में देखने को मिलती है.
पैरों और पंजों में सूजन
अगर पैरों और पंजों में लगातार सूजन बनी रहती है, तो यह लिवर की समस्या का संकेत हो सकता है. लिवर खराब होने पर शरीर में प्रोटीन और एल्ब्यूमिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे तरल पदार्थ पैरों में जमा होने लगता है. इसे एडेमा कहते हैं.
डॉक्टर का क्या कहना?
डॉ. शाइस्ता खान ने अपने इंस्टाग्राम वीडियो में बताया कि लिवर की गड़बड़ी सिर्फ आंखों और हाथों से नहीं, बल्कि पेट, नींद और मांसपेशियों में भी दिखाई देती है. उनके अनुसार, अगर पेट में लंबे समय से दर्द और सूजन बनी हुई है, तो इसे नजरअंदाज न करें. यह लिवर डैमेज का संकेत हो सकता है. ऐसे में लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) कराना जरूरी है.
उन्होंने यह भी कहा कि जी मिचलाना, भूख कम लगना या बार-बार उल्टी जैसा महसूस होना भी लिवर के बिगड़ने का लक्षण है. इसके अलावा, पेशाब का गहरा रंग, हाथ-पैरों में सूजन, और मांसपेशियों में लगातार कमजोरी और थकान लिवर हेल्थ को लेकर चेतावनी देते हैं. डॉ. शाइस्ता के मुताबिक, अगर आपको रात में नींद नहीं आती या नींद का पैटर्न बदल गया है, तो भी यह लिवर फंक्शन पर असर का संकेत हो सकता है.
कब कराएं जांच?
अगर ये लक्षण लगातार बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर LFT, अल्ट्रासाउंड और अन्य जांच करवाते हैं. शुरुआती स्टेज में इलाज आसान होता है, लेकिन देर होने पर लिवर फेल्योर या ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है.
बचाव के उपाय
- शराब और ज्यादा तैलीय भोजन से बचें.
- हेल्दी डाइट लें और हाइड्रेटेड रहें.
- नियमित चेकअप कराएं.
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं न लें.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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