दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की पत्नी, रितिका सजदेह, भी इस मुद्दे पर खुलकर सामने आई हैं. उन्होंने इस फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि आवारा कुत्तों को इस तरह से बंद करना समस्या का समाधान नहीं है.
रितिका ने सोशल मीडिया पर क्या कहा?
रितिका ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए अपना विरोध दर्ज कराया. उन्होंने लिखा कि आवारा कुत्ते सिर्फ सड़क पर भटकने वाले जानवर नहीं हैं, बल्कि शहर की धड़कन हैं. ये वही हैं जो चाय की दुकानों पर बिस्किट का इंतजार करते हैं, दुकानदारों के लिए रात में पहरेदार बनते हैं, बच्चों को स्कूल से लौटते देख खुशी से पूंछ हिलाते हैं और अपने होने से माहौल में अपनापन भरते हैं.
उनका कहना था कि उन्हें अचानक शेल्टर में बंद करना उनकी आजादी और जीवन की पहचान छीन लेने जैसा है. उन्होंने इस समस्या का हल हिंसक या कठोर तरीकों में नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर उनकी नसबंदी, समय-समय पर उनका टीकाकरण, हर इलाके में उनके लिए निर्धारित फीडिंग जोन और लोगो को उन्हें गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करना जैसे अभियान में बताया.
रितिका ने अपनी पोस्ट के अंत में चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा, “एक समाज जो अपने बेजुबान प्राणियों की रक्षा नहीं कर सकता, वो धीरे-धीरे अपनी इंसानियत खो देता है. आज यह कुत्ते हैं, कल कौन होगा?”
सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन शामिल थे, ने हाल ही में आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी क्षेत्रों को आवारा कुत्तों से पूरी तरह से हटा दिया जाए. कोर्ट ने साफ किया कि एक बार पकड़े जाने के बाद कुत्तों को दोबारा सड़क पर नहीं छोड़ा जाएगा, और जो भी इस प्रक्रिया में बाधा डालेगा, उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी.
विवाद और बहस
जहां एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए लोग इसे नागरिक सुरक्षा के लिए जरूरी मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पशु-प्रेमी और एक्टिविस्ट इसे क्रूर और अव्यावहारिक बता रहे हैं. रितिका सजदेह का यह बयान इस बहस को और तेज कर सकता है, खासकर सोशल मीडिया पर जहां यह मुद्दा पहले से ही ट्रेंड में है.