Indian Economy: हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ और आज यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी है. भारत की नॉमिनल जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है. हालांकि, इस दौरान चीजों की कीमतों में काफी बदलाव आया है. अगर करेंसी की बात करें, तो 1947 में चलन में रहे आना, पाइस और पाई जैसे सिक्कों का आज इस्तेमाल नहीं होता है. साल 2025 तक कुछ शर्तों के साथ केवल 50 पैसे का ही सिक्का वैध मुद्रा रहा.
1 रुपये में चल जाता था पूरा हफ्ता
आज भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है. इन कई सालों में चीजों की कीमतों में काफी बदलाव आया है. जहां आज 1 रुपये में बमुश्किल कुछ मिल पाता है. वहीं, 1947 के उस दौर में लोग 1 रुपये में पूरे हफ्ते का खर्च निकाल देते थे. उस दौरान 12 पैसे में और शुद्ध घी सिर्फ 2.5 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलता था. चीनी 40 पैसे प्रति किलो, आलू 25 पैसे और कई किलो गेहूं एक रुपये में खरीदा जा सकता है. आप समझ सकते हैं कि हालात आज कितने बदल गए हैं. जैसे-जैसे लोगों की आमदनी बढ़ती गई है, वैसे-वैसे चीजों के दाम भी बढ़ते चले गए हैं.
100 रुपये से भी कम 10 ग्राम सोने की कीमत
1947 का एक वह जमाना था जब 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग 88 रुपये हुआ करती थी. आज सोना 1 लाख रुपये के पार चला गया है. देश आजाद होने के बाद इकोनॉमी और विदेशी मुद्रा भंडार दोनों को संभालने के लिए सोने के आयात में धीरे-धीरे कमी आने लगी. इससे सप्लाई और डिमांड दोनों पर असर पड़ा. 1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण, महंगाई और डिमांड पैटर्न में आए बदलाव की वजह से सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव आया. इसके अलावा, भू-राजनीतिक तनाव और करेंसी वैल्यूएशंस की वजह से भी कीमतों पर असर दिखा.
फ्लाइट की भी टिकट 200 रुपये से कम
आपको जानकर हैरानी होगी कि उन दिनों पेट्रोल की कीमत सिर्फ 27 पैसे प्रति लीटर थी. दिल्ली से मुंबई की फ्लाइट के लिए किराया 140 रुपये के आसपास हुआ करता था. उस दौरान एयर इंडिया ही इकलौती ऐसी एयरलाइन थी, जिसने 1936 से अपनी सेवाएं शुरू की थी, वह भी महज एक ही रूट के साथ. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बीते इन 79 सालों में चीजें कितनी बदल गई हैं.
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