इस्लामाबाद में हुए ब्लास्ट के बाद श्रीलंका क्रिकेट टीम में डर का माहौल है. इस्लामाबाद ब्लास्ट में 12 लोगों के मारे जाने और 20 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. इसी वजह से कई सारे श्रीलंकाई क्रिकेटरों ने ODI सीरीज के बाकी मैचों में खेलने से मना कर दिया था. हालांकि श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को सुरक्षा का पूरा आश्वासन दिया, लेकिन सीरीज बीच में छोड़ने को लेकर प्रतिबंध की चेतावनी भी दी. दरअसल ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान जाकर श्रीलंकाई क्रिकेटरों में डर का माहौल पैदा हुआ है. लगभग 16 साल पहले एक आतंकी हमले ने क्रिकेट जगत को झकझोर कर रख दिया था.
श्रीलंकाई टीम पर हमला
यह घटना साल 2009 की है, जब श्रीलंकाई टीम 3 वनडे और 2 टेस्ट मैचों के लिए पाकिस्तान टूर पर गई थी. श्रीलंका बनाम पाकिस्तान दूसरा टेस्ट लाहौर में खेला जा रहा था, जो 1-5 मार्च तक चलना था. इसी बीच 3 मार्च की सुबह श्रीलंकाई क्रिकेट टीम बस में सवार गद्दाफी स्टेडियम के लिए रवाना हुई. मगर लिबर्टी स्क्वायर के पास बंदूक से लैस 12 आतंकवादी टीम बस का इंतजार कर रहे थे.
7 श्रीलंकाई खिलाड़ी घायल
इस हमले में श्रीलंका टीम के तत्कालीन कप्तान महेला जयवर्धने और उपकप्तान कुमार संगाकारा समेत 7 खिलाड़ियों को चोट आई थी. इन 7 खिलाड़ियों के नाम महेला जयवर्धने, कुमार संगाकारा, अजंता मेंडिस, थिलन समरवीरा, थरंगा परानाविताना, चामिंडा वास और सुरंगा लकमल रहे. इनमें से समरावीरा और परानाविताना को गंभीर चोट आई थी, कुछ समय अस्पताल में भी भर्ती रहे. वहीं अन्य क्रिकेटरों को हल्की चोट आई थी.
6 पुलिस कर्मी शहीद
आतंकवादियों ने अंधाधुंध श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पुलिस ने जवाबी फायरिंग करते हुए जैसे-तैसे टीम की सुरक्षा सुनिश्चित की, लेकिन इस कार्यवाई में 6 पुलिस कर्मी और 2 आम नागरिकों की जान चली गई थी. 20 मिनट तक चली जद्दोजहद के बाद आतंकवादी वहां से भाग निकले, लेकिन रॉकेट लॉन्चर और गोला बारूद वहीं छोड़ गए.
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