आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में डायबिटीज जैसी बीमारी किसी को भी चुपके से घेर लेती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में करीब 83 करोड़ लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं और आधे से ज्यादा को तो पता ही नहीं चलता कि उनकी बॉडी में शुगर का लेवल बढ़ चुका है. भारत में भी हालात बेहद गंभीर हैं. इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) की 2025 की डायबिटीज एटलस रिपोर्ट कहती है कि भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं और 2.5 करोड़ लोग अब भी इससे अनजान हैं. वर्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर हम आपको उन 5 लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे डायबिटीज होने का पता चलता है. अगर समय पर सही परहेज शुरू कर दिए जाएं तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है.

कैसे रखें अपना ध्यान?

दिल्ली के नामी अस्पताल में एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. वी. सुब्रह्मण्यम के मुताबिक, डायबिटीज को साइलेंट किलर कहा जाता है, क्योंकि यह चुपचाप हार्ट, किडनी, आंखों और नसों को नुकसान पहुंचाती है. अगर आपको बार-बार पेशाब आ रहा है या ज्यादा प्यास लग रही है, थकान, वजन का अचानक कम होना और धुंधला दिखना जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत ब्लड टेस्ट करवाएं. ये लक्षण टाइप-2 डायबिटीज में ज्यादातर देखे जाते हैं, जो 90 पर्सेंट मामलों में होता है.

रात में दिखता है यह लक्षण

डायबिटीज का पहला लक्षण बार-बार पेशाब आना है. दरअसल, जब ब्लड शुगर बढ़ता है तो किडनी उसे बाहर निकालने की कोशिश करती है. इसके चलते रात में भी 4-5 बार टॉयलेट जाना पड़ता है. डॉ. सुब्रह्मण्यम के मुताबिक, मरीज अक्सर कहते हैं कि रात भर नींद नहीं आती, क्योंकि पेशाब रोक नहीं पाते हैं. यह शुरुआती संकेत है, जिसे इग्नोर करने से किडनी डैमेज हो जाती है. IDF की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वक्त पर चेकअप न हे तो भारत में 40 पर्सेंट डायबिटीज के मरीजों को किडनी प्रॉब्लम हो जाती है.

बार-बार प्यास लगना भी खतरनाक

दूसरा लक्षण अजीब-सी प्यास लगना है. दरअसल, शुगर बढ़ने से बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है और आप जितना पानी पिएंगे, उतनी ही प्यास लगती है. डॉ. सुब्रह्मण्यम कहते हैं कि गर्मी में प्यास तो लगती ही है, लेकिन ठंडे मौसम में भी बार-बार पानी पीना पड़ रहा है तो शुगर चेक कराएं. हमने हाल ही में एक स्टडी में देखा कि 70 पर्सेंट मरीजों में यह लक्षण सबसे पहले नजर आया. ADA (अमेरिकन डायबिटीज असोसिएशन) की 2025 गाइडलाइंस में भी यही कहा गया है कि प्यास का बढ़ना हाइपरग्लाइसीमिया का सिग्नल होता है. 

लगातार थकान लग रही तो कराएं जांच

डायबिटीज में कोशिकाएं शुगर को एनर्जी में बदल नहीं पाती हैं, जिसकी वजह से हर वक्त थकान महसूस होती है. डॉ. सुब्रह्मण्यम के मुताबिक, मरीज सोचते हैं कि काम की थकान है, लेकिन ऐसा डायबिटीज की वजह से होता है. WHO की स्टडी भी बताती है कि अनट्रीटेड डायबिटीज से थकान हार्ट अटैक का रिस्क दोगुना कर देती है.

अचानक घट रहा वजन तो दें ध्यान

टाइप-1 डायबिटीज के दौरान वजन काफी तेजी से कम होने लगता है, क्योंकि बॉडी फैट और मसल्स को तोड़कर एनर्जी बनाने लगती है. डॉ. सुब्रह्मण्यम ने बताया कि एक महीने में 4-5 किलो वजन घटना नॉर्मल नहीं होता है. यह इंसुलिन की कमी का संकेत है. IDF की लेटेस्ट रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में 10 मिलियन टाइप-1 केस हैं, जिनमें यह लक्षण प्रमुख है.

धुंधला दिख रहा है तो हो जाएं अलर्ट

डायबिटीज का पांचवां लक्षण आंखों से धुंधला दिखना है. दरअसल, हाई शुगर की वजह से आंखों के लेंस में सूजन आ जाती है, जिससे विजन ब्लर हो जाता है. डॉ. सुब्रह्मण्यम बताते हैं कि डायबिटिक रेटिनोपैथी से 20 पर्सेंट मरीज अंधे हो जाते हैं. 2025 की ADA रिपोर्ट कहती है कि शुरुआती चेकअप से 80 पर्सेंट केस बचाए जा सकते हैं. यह लक्षण बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है. 

कैसे करना चाहिए परहेज?

डॉ. सुब्रह्मण्यम सलाह देते हैं कि अगर डायबिटीज को कंट्रोल करना है तो चीनी, मैदा, प्रोसेस्ड फूड और रेड मीट से तौबा करें. इसकी जगह फाइबर वाली चीजें खाएं. IDF की 2025 में पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया है कि हेल्दी डाइट से 58 पर्सेंट केस प्रिवेंट हो सकते हैं. इसके अलावा सुबह उठते ही गुनगुने पानी में नींबू निचोड़कर पिएं. ब्रेकफास्ट में ओट्स, दलिया या मल्टीग्रेन पराठा लें. सुबह 7 से 8 बजे के बीच नाश्ता करें, जिसमें 300 कैलोरी हो. फल में सेब, अमरूद या पपीता चुनें, केला कम खाएं. लंच में ब्राउन राइस, दाल, हरी सब्जी और सलाद रखें. रोटी 2-3 ही लें. शाम के स्नैक में मुट्ठी भर बादाम या स्प्राउट्स खाएं.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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